मेहमानों में वितरीत किये गये लगभग एक हजार पौधे
भदोही। आजकल की आधुनिक जीवन शैली के वैवाहिक समरोहों में डीजे की धुन में मदहोश होकर नृत्य करते युवा, भड़कीले गानों पर अश्लील नृत्य करती नृत्यांगनायें तो अक्सर दिख जाती हैं, लेकिन क्या कभी आपने कोई ऐसा भी विवाह देखा है जहां जागरूकता का संदेश दिया गया हो। जहां धरती को हरा भरा रखने का संदेश दिया गया हो, जहां पर पानी को बचाने की अपील की गयी हो या फिर जहां पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद किया गया हो।
जी हां! भदोही जिले के मुख्यालय के समीप जोरई ग्राम प्रधान रामधनी यादव के भतीजी की शादी का समारोह 13 दिसंबर को था। अपने जनहित के कार्यों से राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त किये रामधनी यादव ने इस विवाह को यादगार बनाने के लिये अनूठी पहल की । इस पहल को कार्यरूप देने के लिये एक नई पहल, एक नई कोशिस के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित कृष्णा यादव और उनकी टीम के जरिये द्वारचार करने आये मेहमानों को पौधे देकर उनका स्वागत किया गया। साथ ही कृष्णा यादव और उनकी टीम द्वारा दूल्हे को कल्पवृक्ष और दुल्हन को सिंदूर का पौधा भेंट करके स्वागत किया गया।
अक्सर आपने देखा होगा कि आयोजन स्थल के प्रवेश द्वार पर मेहमानों के स्वागत के लिये शुभ विवाह या स्वागतम के शाइन बोर्ड लगाये जाते हैं किन्तु यहां पर ऐसा नही था। बल्कि प्रवेश द्वार बैनर लगाकर लोगों से अपील की गयी थी कि खुशियों पर पौध रोपण करके उन खुशियों के पल को यादगार बनायें। लोगों को पौधे भेंट करके अपने सुनहरे पलों को और भी यादगार बनायें। साथ ही कार्यक्रम स्थल में जगह जगह ”बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” व जल ही जीवन है, भोजन को व्यर्थ न करें किसी गरीब को दें। जैसे नारे लिखी तख्तियां लटकाई गयी थी जो लोगों को जागरूक कर रही थी। साथ ही पूर्वांचल के मशहूर लोकगायक राजेश परदेशी द्वारा भौंड़े गीत नहीं परोसे गये बल्कि जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे गीत की प्रस्तुति ने वैवाहिक समारोह की समां में चार चांद लगा दिये।
जिले में यह अनोखी शादी थी जो लोगों का ध्यान जागरूकता के संदेशों से आकर्षित कर रही थी। हालांकि इससे पहले जिले में कुछ और शादियों की चर्चा हुई थी, लेकिन उस चर्चा का विषय यह था कि बारात को ले जाने और दुल्हन को लाने के लिये हेलीकाप्टर का प्रयाग किया गया। लेकिन हेलीकाप्टर से बारात ले जाने की चर्चा इसलिये हुई कि धनबल और स्वयं के वैभव का प्रदर्शन मात्र था। वहीं इस विवाह में एक हजार पौधे वितरीत करके जो जागरूकता का संदेश दिया गया वह अपने आप में ही एक अनूठी पहल रही जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।