Home भदोही भदोही के पत्रकारों ने शुजात की हत्या पर जताया दुख

भदोही के पत्रकारों ने शुजात की हत्या पर जताया दुख

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भदोही। श्रीनगर के एक वरिष्ठ पत्रकार की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या किये जाने पर भदोही के पत्रकारों ने दुख जताते हुए एक बैठक आहूत की। बैठक भदोही नगर के रजपुरा स्थित एक प्रतिष्ठान में सम्पन्न हुई। जिसमें भदोही के पत्रकारों ने दुख व्यक्त करते हुए कड़े शब्दो में निंदा की। पत्रकारों की बैठक को सम्बोधित करते हुए भदोही के वरिष्ठ पत्रकार हरेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि एक समय हुआ करता था जब कलम की धार लोगों में खौफ पैदा करती थी।

जो काम अस्त्र-शस्त्र नहीं कर पाते थे वो काम कलम कर देती थी। इस देश में महान कलमकार पैदा हुए जिन्होंने गरीबी झेलते हुए सच का साथ नहीं छोड़ा। उन्हें अपने जीवंत में कभी भौतिक सुख नहीं मिला, पर मरणोपरांत इतिहास में उनका नाम जरूर सुनहरे अक्षरो से लिखा गया। लोग पत्रकार को समाज का आईना कहते थे। समाज में पत्रकार सम्मानित दृष्टि से देखा जाता था। पर न जाने ऐसा क्या हुआ लोगों में पत्रकारिता की लोकप्रियता का हरण होने लगा पत्रकारों पर जगह जगह हिंसक घटनायें होने लगी कहीं किसी पत्रकार को मरवा दे रहे है तो कहीं कोई पत्रकार जिंदा जला दिया गया।

हाल ही में एक प्रमुख दैनिक अखबार के पत्रकार को उत्तर प्रदेश के बिल्हौर कस्बे में सरेशाम गोलियों से छलनी कर दिया गया और पुलिस प्रशासन ने इस केस में उदासीनता भरा रवैय्या इख्तियार किया। कुछ दिनों बाद एक मामला उर्सला अस्पताल में हुआ एक पत्रकार अपनी मां का इलाज उर्सला अस्पताल में करा रहे थे इलाज में कमी को लेकर जब पत्रकार ने शिकायत की तो पूरे अस्पताल कर्मचारियों ने पत्रकार के साथ मारपीट की. अभी हाल ही में औरया जिले में दो पत्रकारों को बुरी तरह पीटा गया और जब उन्हें कानपुर के कांशीराम अस्पताल में मेडिकल के लिये लाया गया तो डाक्टरों ने मेडिकल करने में आना कानी की आज उन्हीं पत्रकारों को पीटने वाले गुंडे जान से मारने की धमकी दे रहे है।

सबसे वीभत्स घटना कल श्री नगर में हुई एक वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी को आतंकवादियों ने गोली मार दी। अब सोचने वाली बात यह है की देश की सरकारें भी पत्रकार के लिये कुछ नहीं सोच रही। अब वक्त आ गया है जब पत्रकारों को भी पूरे देश में एकजुट होकर आंदोलन करना चाहिये और पत्रकार हित के लिये सरकार से कानून बनाने की मांग करनी चाहिये। बैठक में बालगोविंद यादव, जैनुल आब्दीन बेग,हरीश सिंह, पंकज उपाध्याय, साजिद अंसारी, सत्येन्द्र द्विवेदी, विमल पाण्डेय, कैसर परवेज, नसीर कुरैशी, सर्वेश राय, मो. फ़िरोज़ खाँ, मिस्बाह खाँ, ए.के. फारूकी, राजीव गोयल, अजमत हबीब उर्फ मुन्नू, संजय उपाध्याय, शमसाद हसन, हरिनाथ यादव, शाहनवाज खाँ, चन्द्र बालक राय, मो. हनीफ आदि पत्रकार मौजूद रहें।

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