भदोही। जिले के मदनपुर निवासी वकील बिन्द की मौत के बाद शव शनिवार को शाम को आया लेकिन परिजन शव को नही लेने पर अड़े है। देर रात तक उपजिलाधिकारी ज्ञानपुर अमृता सिंह परिजनों को शव लेने की बात करती रही लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े है। वकील के भाई शिवचन्द ने कहा कि केवल आश्वासन मिल रहा है कोई लिखित सूचना नही मिली है। वकील के भाई ने कहा मेरे भाई को जब तक शहीद का दर्जा नही मिलता मै शव को नही लूंगा। चाहे 12 घंटा नही 12 दिन लगे मै बिना शहीद का दर्जा की लिखित सूचना पाये शव नही लूंगा। कहा कि एम्बुलेंस का डीजल अम्बिकापुर में खत्म हो गया जो मेरे भाई का अपमान है।
मालूम हो कि गोपीगंज के कोतवाल शेषधर पाण्डेय रविवार की सुबह वकील के घर पहुंच गये है। सूत्रों से सूचना मिल रही है कि भदोही जिला प्रशासन वकील को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए प्रयासरत है।
मालूम हो कि करीब 12 घंटे से वकील का शव मदनपुर मे है लेकिन परिजन अभी तक अपने लाल का मुंह नही देख सके। महिलाओं का रूदन क्रंदन सुनकर मौजूद लोगों का दिल पसीज जा रहा है। छत्तीसगढ सरकार की एक खामियां और देखने को मिली कि वकील के शव पर तिरंगा नही लपेटा गया है। परिजन व क्षेत्र के लोग सरकार व प्रशासन के रवैये से काफी नाराज है। लोगों की सामूहिक मांग यह है कि वकील बिन्द को शहीद का दर्जा मिले।