भदोही। काशी प्रयाग के मध्य स्थित ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी भदोही सामान्य दिनों भले ही शान्त दिखायी दे किन्तु चुनाव आते ही यह कालीन नगरी किसी न किसी मामले को लेकर अशांत हो जाती है। इस बार भी ऐसाही हो रहा है। जातीय समीकरण को देखकर चुनाव मैदान में भाजपा ने बसपा की विचारधारा से ग्रसित रमेश बिंद को उतारकर सीट हथियाने की चाल चली थी किन्तु विधायक रहते रमेश बिंद का दिये गये एक भाषण का विडियो जहां भाजपा के होश उड़ा दिये हैं वहीं विपक्षियों को एक ऐसा चुनावी मुद्दा दे दिया है, जिसमें फंसकर भाजपाई छटपटा रहे हैं। अब वोटरों के मन में यह संशय घर कर गया है कि वे पार्टी को देखें या फिर प्रत्याशी को, फिलहाल मामला राष्टवाद, मोदी, ब्राह्मण और प्रत्याशी के बीच उलझ गया है।
बता दें कि एक कथित वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में फैल चुका है। जिसमें वर्तमान भाजपा प्रत्याशी रमेश बिंद कहते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने थानेदार को जीप में बैठाकर थाना फूंक दिया था। साथ ही ब्राह्मणों पर वार करते हुये अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया है। कहा कि यदि ब्राह्मण एक बिंद को मारता है तो कम से कम सौ ब्राह्मणों को मारो। इस वीडियों को वायरल होने के बाद ब्राह्मणों का गुस्सा चरम पर पहुंच चुका है। वीडियों आने के बाद रमेश बिंद फेसबुक पर लाइव आये और इसे विरोधियों की चाल बताते हुये वीडियो को फर्जी बताया। कहा वीडियो को एडिट किया गया है। उसमें उनकी आवाज नहीं है। लेकिन इस बात को मानने के लिये कोई तैयार नहीं है।
वहीं भाजपा जिला संगठन के कुछ पदाधिकारियों का कहना है कि पार्टी के एक गलत निर्णय के कारण उन्हें शर्मिन्दा होना पड़ रहा है। वोटरों विशेषकर ब्राह्मण वोटरों के सवालों का जवाब देना भारी पड़ रहा है। ब्राह्मण युवाओं में इस बात को लेकर काफी आक्रोष है। उनका कहना है कि रमेश बिंद की राजनीति ही सवर्ण विरोधी रही है। इसके लिये उन्हें सबक सिखाना होगा। कहा ऐसे लोग भदोही के माहौल को खराब कर सकते हैं।
वहीं संशय में फंसे वोटर यह भी कह रहे हैं कि वे अब प्रत्याशी को नहीं बल्कि देशहित के मुद्दे पर मोदी को देख रहे है। क्योंकि देशकी सुरक्षा मोदी ही कर सकते हैं। जबकि गठबंधन प्रत्याशी के समर्थक इस मुद्दे को काफी उछाल रहे हैं। गठबंधन प्रत्याशी ब्राह्मण होने के कारण इसका लाभ अपने पक्ष में देख रहे हैं। लोगों में यह भी चर्चा है कि एक सीट से मोदी का कोई नुकसान होने वाला नहीं है। यदि भदोही में रमेश बिंद के कारण अराजकता बढ़ती है तो मोदी से पहले भदोही को देखना होगा। फिलहाल भदोही प्रत्याशी का चुनावी भविष्य मोदी,देशहित, ब्राह्मण और भदोही के बीच उलझकर रह गया है।