भदोही। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी रमेश बिंद का कथित वीडियो वायरल होने के बाद गठबंधन खेमें में उत्साह देखा जा रहा है, वहीं इस चर्चा में कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव गुम नजर होते दिखायी दे रहे हैं। हालांकि चुनावी उंट किस करवट बैठेगा यह कहा नहीं जासकता है। किन्तु अब भदोही में चर्चा सिर्फ भाजपा और गठबंधन की हो रही है।
गौरतलब हो कि भदोही के लोकसभा चुनाव में पदार्पण करते ही कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव ने पिछड़ा कार्ड खेल दिया था। उन्होंने कहा था कि दो चार घर ब्राह्मण क्या कर लेंगे। शायद उन्हे इस बात का अंदाजा नहीं था कि भदोही में सबसे अधिक वोट ब्राह्मणों का है जो किसी की भी बाजी पलटने की क्षमता रखते है। उनका दूसरा बयान कि यदि किसी सामंती ने पिछड़े या दलित पर हाथ उठाया तो उसके हाथ काट लिये जायेगे। इस सामंती शब्द का अर्थ सीधे सवर्ण समुदाय से लगाया गया।
गौर करने वाली बात यह है कि भदोही में कांग्रेस को जिंदा रखने का काम ब्राह्मणों ने ही किया है किन्तु रमाकांत यादव के इस बयान से उनमें नाराजगी देखी गयी। भले ही वे खुलकर अपनी बात नहीं रख पाये किन्तु हमार पूर्वांचल से हुई बातचीत में सबक सिखाने की बात कही। वहीं पूर्व विधायक जाहिद बेग ने कहा कि भदोही में गंगा जमुनी तहजीब कायम सिर्फ गठबंधन ही कर सकता है, इसलिये लोग अब रंगनाथ मिश्रा को संसद भेजने का मन बना चुके हैं।
बसपा नेता व रंगनाथ मिश्रा के समर्थक भरतराज सिंह ने कहा कि भदोही में यदि शांति कायम रखनी है तो सभी वर्ग को एक मिलकर चलना होगा। जाति के नाम पर राजनीति करने वाले लोग कभी समाज का भला नहीं कर सकते हैं। कहा राजपूतों ने हमेशा ब्राह्मणों का सम्मान किया है। रमेश बिंद ने जिस तरह ब्राह्मणों का अपमान किया है उसका बदला राजपूत लेगा और भाजपा प्रत्याशी को सबक सिखायेगा।
फिलहाल चुनाव रोचक होता दिखायी दे रहा है। गठबंधन को लगता है कि उसके साथ पिछड़ा, दलित समुदाय और मुस्लिम है। रमेश बिंद के ब्राह्मण विरोधी बयान के कारण बड़ी संख्या में सवर्णों का झुकाव भी गठबंधन की ओर हुआ है, जिसका लाभ रंगनाथ मिश्रा को मिल सकता है। जबकि भाजपा संगठन का सोचना है कि इस वीडियो को लोग भूल जायेगे और पीएम मोदी के कार्यक्रम के बाद देशहित में वोट करेंगे।