Home भदोही भदोही लोकसभा भीड़ वोट में बदली तो दोहरा देगा इतिहास 

भदोही लोकसभा भीड़ वोट में बदली तो दोहरा देगा इतिहास 

भदोही। एक राजनैतिक गाथा जो भदोही के साथ जुड़ी हुई है, क्या वह गाथा फिर लिपिबद्ध होने लगी है? लगता तो यही है किन्तु इसका फैसला होना अभी बाकी है। गठबन्धन की रैली में जुटी भीड़ ने यह संकेत दे दिया है कि यदि रैली में जुटी भीड़ वोट में बदल गई तो इतिहास खुद अपने आप को दोहरा देगा।

गौरतलब हो कि लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस अपने नामांकन में जो भीड़ जुटा लिए थे उससे कई गुना अधिक भीड़ गठबन्धन प्रत्याशी रंगनाथ मिश्रा ने जुटाकर यह साबित करने का प्रयास किया था कि भदोही की जनता उनके साथ है।

दूसरा मौका प्रत्याशियों को दिखाने का तब मिला जब भाजपा को जिताने का संदेश देने आए देश के प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ। उसके बाद गठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में आए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती।

यदि दोनों रैलियों में जुटी भीड़ का आंकलन किया जाए तो दोनों प्रत्याशियों ने भीड़ जुटाने में काफी मेहनत की थी। वही गौर करने वाली बात है की एक तरफ देश और प्रदेश की सत्ता पर काबिज पीएम और सीएम थे तो दूसरी तरफ विपक्ष में रहकर चुनाव लड़ रहे दो दलों के मुखिया। ऐसे में भीड़ का तुलनात्मक अध्ययन किया जाय तो भीड़ के मामले में गठबन्धन भाजपा पर भारी पड़ गया था।

अब बात करते है एक ऐसे इतिहास की जो भाजपा से जुड़ा हुआ है। यहा पर तीन बार भाजपा से वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद रहे है और जब भी श्री मस्त भदोही से चुनाव नहीं लड़े दूसरे दलों ने कब्जा जमाया है। लोगो में चर्चा है की यदि भीड़ वोट में बदल गई तो एक बार फिर भदोही अपना इतिहास दोहरा देगा।

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