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दहशत की सियासत: भदोही में बेखौफ हुये अपराधियों को कौन दे रहा संरक्षण!

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भदोही। जिले के देवनाथपुर में शाम का धुंधलका फैलते ही लबेसड़क तड़तड़ाई गोलियों की दहशत ने सिर्फ आसपास के लोगों को ही आतंकित नहीं किया, वरन् इसका खौफ पूरे जिले के लोगों के दिलों में दिखायी दे रहा है। कई वर्षों से शांत रहे लोगों के जीवन में एक बार फिर अशांति व्याप्त होने लगी है। लोगों में अब चर्चा होने लगी है कि चुनाव बाद ही बेखौफ हुये अपराधी क्या अब जिले में दहशत की सियासत का आगाज कर दिये हैं।

बता दें कि गत दिनों जिले के लक्ष्मणपट्टी निवासी 20 वर्षीय शोभित सेठ पुत्र सुजीत सेठ की सर्राफा दुकान देवनाथपुर बाजार में है। गुरुवार की शाम दुकान बंद करके दादा और पोते घर की तरफ के लिए जैसे ही मुड़े दो बाइकों पर सवार चार की संख्या में बदमाश दोनों पर फायर झोंक दिया। जिसके चलते जहांउसके दादा मामूली रूप से जख्मी हुए , वही शोभित सेठ के शरीर में तीन गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। बदमाश लगभग पांच लाख के जेवर लेकर फरार हो गये।

गौरतलब हो कि इस लोकसभा चुनाव में अपनी सियासत चमकाने के लिये कोई हाथ काटने की बात कर रहा था तो कोई ब्राह्मणों को जूता मारने की बात कही थी। हालांकि मोदी लहर में हाथ काटने वाले की जमानत जब्त हो गयी। जबकि जूता मारने वाले बाजी मार गये। इस चुनाव में देखा गया कि कुछ प्रत्याशियों के साथ बाहरी लोग चुनाव प्रचार में लगे थे। जिसमें कई चेहरे अपने हाव भाव से अपराधी दिखायी देते थे।

ऐसे बाहरी लोगों ने अपनी पैठ उन अति उत्साहित युवाओं में बना ली, जो जाति के नाम पर स्वाभिमान का दंभ भरते हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि चुनाव बीतने के पश्चात भी उन तत्वों का भदोही में आवागमन बना रहा। शायद ऐसे अवांक्षनीय तत्वों को भदोही एक शरणस्थली के रूप में दिखा जहां अपराध के पौधों को सींचा जा सकता है।

अब इस चर्चा के पीछे सच्चाई क्या है? इसके बारे में जिले की खुफिया ईकाईंया ही जानती होंगी किन्तु भदोही जिले में जिस तरह बेखौफ अपराधियों का आतंक देखा जा रहा है, उससे लोगों के दिलों में खौफ बढ़ता दिखायी दे रहा है। दूसरी तरफ अपराधियों के गिरेबान तक पुलिस का हाथ न बढ़ पाना भी यहीं संकेत दे रहा है कि भदोही की शांत जमीन पर लूट, हत्या, छिनैती आदि घटनाओं को अंजाम देने वालों के उपर निश्चित ही कुछ रसूखदारों का हाथ हैं।

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