भदोही। जिले में जिस तरह डेंगू के मामले सुनने को मिल रहे है उससे तो लगता है कि इसके लिए किसे जिम्मेदार माना जाए? स्वास्थ्य विभाग को या पीड़ित को। आखिर गोपीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ही डाक्टर क्यो आ रहे है डेंगू के गिरफ्त मे? क्या यहां वास्तव मे विभाग के तरफ से उपलब्ध सेवायें नकाफी साबित हो रही है? देखने को यह मिलता है कि जिस स्वास्थ्य केंद्र और डाक्टर के सहारे आम जनता रह रही है इन दिनो वही लोग बीमार हो रहे है आम जनता आखिर जाये तो कहा जाए? अभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोपीगंज के चिकित्सक डॉक्टर अभय सिंह की घटना लोग भूला नही पाये कि तब तक इसी स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डा एस एस यादव भी डेंगू से पीड़ित हो गए हैं और शुक्रवार को ड्यूटी से अवकाश पर चले गये। इसके पहले डॉ विजय कुमार समेत कई कर्मचारियो ने भी डेंगू होने की आशंका जाहिर की थी और अवकाश पर चले गए थे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज के अधीक्षक डाक्टर आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक और चिकित्सक डॉक्टर एसएस यादव भी डेंगू से पीड़ित हो गए हैं। जांच में डेंगू के लक्षण पॉजिटिव पाए जाने पर शुक्रवार से अवकाश पर चले गये।
मालूम हो कि पिछले दिनों इसी स्वास्थ्य केंद्र मे तैनात डा अभय सिंह की मौत हो गई थी।और इस स्वास्थ्य केंद्र के कई कर्मचारियों को डेंगू की आशंका से भय व्याप्त है। स्वास्थ्य विभाग आखिर क्यों नही पकड़ पा रहा डेंगू होने का कारण? डा विजय कुमार, डा अभय सिंह के बाद अब डा एस एस यादव को भी डेंगू? जब विभाग अपने डाक्टर को सही स्वास्थ्य सेवा नही उपलब्ध करा पा रहा है तो आम जनता का क्या होगा? जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी केवल अपनी छवि खराब न हो इसके लिए डेंगू की बात को स्वीकार करने मे संकोच करते है। गोपीगंज मे स्वास्थ्य केंद्र के पास टूटी सीवर पाइप से आ रहा गंदा पानी तो नही जन्म दे रहा डेंगू मच्छरो को?
जिले मे यदि सच मे डेंगू के मामले आ रहे है तो स्वास्थ्य विभाग कोई त्वरित सेवा के द्वारा पीड़ितो के इलाज की व्यवस्था करना जरूरी है और यह केवल अफवाह है तो जनजागरूकता कार्यक्रम हो जिससे आम जनता के मन मे व्याप्त भय निकल सके। एक साधारण आदमी को थोड़ा सा भी बुखार सर्दी हो रहा है तो वह आशंकित हो जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के तरफ से आशा और एएनएम के द्वारा लोगो को डेंगू के लक्षण व बचाआव की जानकारी उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।