भाजपा के नेतृत्व में पूरे देश में प्रचण्ड जीत कहीं न कही विकास का ही परिणाम है। विकास के साथ साथ राष्ट्रवाद भी इस जीत में सहायक साबित हुआ। विपक्षिथों को भाजपा की रणनीति समझ में नही आई और वे केवल मोदी का विरोध करने में लगे रहे। जबकि जनता सब जानती है। अब किसी के द्वारा फैलाए गये जाति- धर्म की राजनीति में लोग फंसने वाले नही है। केवल लोग उसी को अपना नेता चुनेंगे जो विकास को प्राथमिकता देगा।
भदोही लोकसभा 2008 परिसीमन में अस्तित्व मे आया और जहां 2009 में बसपा ने 182845 मत पाकर जीत दर्ज की थी। वही 2014 में भाजपा ने 4 लाख तीन हजार 695 मत लेकिन इस बार भाजपा ने सारे रिकार्ड तोडते हुए 5 लाख के आंकडें को भी पार कर दिया। और विरोधियों को इसका अहसास दिला दिया कि आज भी मोदी मैजिक कायम है। जिसके वजह से यह चमत्कारिक परिणाम आया।
भदोही का लोकसभा चुनाव में इस बार जहां भाजपा के रमेश बिन्द ने कुल 5 लाख 29 मत पाकर एक रिकार्ड बनाया। जबकि गठबंधन के रंगनाथ मिश्र को 4 लाख 66 हजार 414 मत मिले। जो 43 हजार 615 मत से पीछे रहे। और कांग्रेस के प्रत्याशी को मात्र 25 हजार 604 मत से संतोष करना पडा। रमाकांत यादव समेत अन्य प्रत्याशी अपनी जमानत न बचा सके। लोकसभा में इस बार नोटा भी काफी लोकप्रिय रहा और कुल 9 हजार 87 मत नोटा के रूप में पडा।
भाजपा भदोही का लोकसभा सीट बचाने में सफल रही लेकिन यदि विधानसभा के हिसाब से देखा जाए तो भदोही और प्रतापपुर में रंगनाथ अव्वल रहे लेकिन रमेश ज्ञानपुर, औराई और हंडिया से आगे रहे। हालांकि रमेश बिन्द भदोही में 6 हजार 749 मत और प्रतापपुर से मात्र 557 मत से पीछे रहे। जबकि रंगनाथ ज्ञानपुर में 28 हजार 171 मत, औराई में 91 हजार 894 मत तथा हंडिया में 14 हजार 258 मतों से पीछे रहे।
यदि 2014 के चुनाव में भाजपा को मिले मतों की बात की जाए तो भाजपा को पांचों विधानसभा से मिले मत इस वर्ष अधिक है। भदोही में 15 हजार 334 मत, ज्ञानपुर में 32 हजार 853 मत, औराई में 25 हजार 383 मत और हंडिया प्रतापपुर को मिलाकर कुल 32 हजार 97 मत अधिक मिले।
यदि कांग्रेस के प्रत्याशी को मिले मतों पर नजर डाली जाए तो लगता है कि भदोही ने काफी सहयोग किया जिससे उनको भदोही से सर्वाधिक 7 हजार 287 मत, प्रतापपुर से 5हजार 218 मत, औराई से 4 हजार 599 मत हंडिया से 4 हजार 203 और सबसे कम 4 हजार 202 मत मिले। पिछले चुनाव में कांग्रेस के सरताज इमाम को कुल 22 हजार 5 सौ 70 मत मिले थे लेकिन इस चुनाव में रमाकांत यादव ने कांग्रेस को 3 हजार 24 मत की बढत दिलाई। मानते है कि रमाकान्त ने भदोही से 1 हजार 206 मत, ज्ञानपुर से 750 मत, हंडिया व प्रतापपुर से 1 हजार 569 मत पिछले चुनाव से अधिक प्राप्त किया लेकिन औराई में रमाकान्त का जादू न चला और पिछले वर्ष की अपेक्षा 569 मत कम मिले।
लोकसभा में पिछले चुनाव में जहां कुल 8 हजार 966 नोटा पडा था इस बार पिछले चुनाव से 121 मत और अधिक पडा है। नोटा का प्रयोग जहां इस बार ज्ञानपुर और औराई में अधिक हुआ वही हंडिया, प्रतापपुर व भदोही में नोटा इस बार पिछले चुनाव से कम रहा।