पिछले कुछ दिनों में भदोही पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठने लगे हैं। भदोही की जनता पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए भदोही पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है। ताजा घटनाक्रम में तुलसीचक गाँव में हुई ‘भदोही की बेटी’ की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के मुताबिक यह हत्या नहीं है बल्कि उक्त लड़की की मौत पानी में डूबने से हुई है। जबकि भदोही जनपद के ज्यादातर लोग लड़की के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का अंदेशा जता रहे हैं। इस मामले में सोशल मीडिया पर पुलिस की बहुत किरकिरी हो रही है। इस मामले में लोगों का कहना है कि इसमें पुलिस जानबूझकर आरोपियों को बचाना चाह रही है इसलिए हीलाहवाली कर रही है।
ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र के मामले में इतनी तेजी और पुलिस द्वारा स्वतः संज्ञान लेने पर भी पुलिस की भूमिका संदेहास्पद लगी। हाँलाकि इस हाईटेक मामले में इतने त्वरित कार्यवाही पर भदोही की जनता दो भागों में बंटी दिखी। एक तरफ कुछ लोगों ने कार्यवाही को सही बताया तो कुछ की प्रतिक्रिया रही कि आम जनता के मामले में पुलिस इतनी सक्रिय नहीं हुई जबतक मामला ज्यादा गम्भीर न हो जाये।
ज्ञानपुर विधायक के वायरल ऑडियो क्लिप पर स्वतः संज्ञान लेने की कार्यवाही की तुलना एक नेता के वायरल ऑडियो क्लिप से की जाने लगी जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों को गाली देते सुनाई दे रहे थे। इस मामले पर भी पुलिस पर सवालिया निशान लगा कि ज्ञानपुर विधायक के ऑडियो का स्वतः संज्ञान लिया गया तो सत्ता पक्ष के नेता के वायरल ऑडियो क्लिप का संज्ञान क्यों नहीं लिया गया?
महज 2 दिन पहले वायरल ऑडियो में एक व्यक्ति से थाना ऊंज के प्रभारी फूहड़ तरीके से बात कर रहे हैं। अब तक इस वायरल ऑडियो पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
तुलसीचक की घटना में परिजनों की शिकायत को यदि पुलिस गम्भीरता से लेती तो शायद वह बेटी आज हमारे बीच जिंदा रहती। यदि भदोही पुलिस आम आदमियों की शिकायत गम्भीरता से नहीं लेगी, मामलों का गम्भीरता पूर्वक निष्पक्षता से निस्तारण नहीं करेगी तो भदोही पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठना लाजमी है। और जनता का विश्वास पुलिस पर से दिन-प्रतिदिन डगमगाएगा।
विधायक के अलावा माननीय संसाद जी का भी वीडियो खूब वायरल हुआ किन्तु कारवाई? कुछ नहीं।