325 आयातक हुये शामिल, लगभग 500 करोड़ का मिला आर्डर
भदोही। यूपी के भदोही में आयोजित चार दिवसीय कारपेट एक्स्पो 2024 का समापन शुक्रवार को हो गया। कुछ निर्यातकों के हाथ निराशा लगी तो कुछ उत्साहित भी दिखायी दिये। फिलहाल सीईपीसी इस आयोजन में मिली सफलता से उत्साहित है। एक्स्पो मार्ट में आयोजित कालीन मेले में तीन दिन तक सिर्फ खरीददारों की इन्ट्री थी लेकिन चौथे दिन एक्स्पो मार्ट कालीन उद्योग से जुड़े कामगारों सहित अन्य लोगों के लिये खोल दिया गया। हालांकि प्रदर्शनी में शामिल कालीन निर्यातक अपनी दुकानें 17 अक्टूबर से ही समेटना शुरू कर दिये थे। किन्तु कई लोगों दुकानों को समेटन का सिलसिला दोपहर के बाद शुरू हुआ। कालीन मेले में अमेरिका रूस, आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील बुल्गारिया इजिप्ट फ्रान्स, जर्मनी , इटली ओैर जापान सहित 38 देशों के 238 विदेशी खरीददार और 255 बायर एजेन्टों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। कालीन मेले में भागीदारी करने वाले निर्यातकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आयी है। कुछ लोगों का कहना था कि अपेक्षा के अनुरूप परिणाम नहीं मिला। वहीं निर्यातकों ने यह भी बताया कि जिन बायरों की लिस्ट उन्हें उपलब्ध करायी गई थी। उनमें से काफी लोग मेले में शामिल नहीं हुये। कुछ ने बेेहतर बताया तो कुछ ने निराशा भी जाहिर की। कुछ स्टालों पर भीड़ दिखायी दी तो कुछ स्टालों पर सन्नाटा पसरा हुआ दिखायी दिया। हालांकि सीईपीसी का कहना है कि कारपेट फेयर का परिणाम अपेक्षा के अनुरूप रहा। निर्यातक पूरी तरह संतुष्ट हैं। अधिकतर निर्यातकों को आर्डर मिले हैं। कालीन निर्यातकों से नये बायर जुड़ें हैं। जिसका दूरगामी परिणाम सामने आयेगा। कालीन मेले में भदोही सहित जम्मू कश्मीर,श्रीनगर,जयपुर, पानीपत, आगरा सोनीपत दिल्ली सहित विभिन्न शहरों के कालीन उत्पादकों द्वारा अपनी कालीनों का प्रदर्शन किया गया।
सिल्क से से बनी कश्मीरी गलीचों ने जहां अपनी छाप छोड़ी वहीं हैण्ड नटेड यानि हाथ से निर्मित कालीन आकर्शण का केन्द्र रहे। किसी कालीन पर अयोध्या में बने श्रीराममंदिर का चित्र उकेरा गया था तो कहीं पर काशी के घाट ओैर आगरा का ताजमहल यह बता रहा था कि भारत के कालीन बुनकरों के हाथों में कितना हुनर है। कालीन मेले में आकर्षण का केन्द्र जिला जेल में कैदियों द्वारा बनाया गया आकर्षक कालीन भी रहा। जो कैदियों के सामाजिक सुधार ओैर रोजगार की दिशा में एक सार्थक कदम बताया गया।
कालीन मेले का उद्घाटन 15 अक्टूबर को केन्द्रीय कपड़ा मंत्री गिरीराज सिंह ने किया था। उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में वस्त्र और विदेश राज्यमंत्री पवित्रा मार्गरिटा और उत्तर प्रदेश के कैॅबिनेट मंत्री राकेश सचान सहित भदोही सांसद डॉ. विनोद कुमार बिंद,पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, औराई विधायक दीनानाथ भास्कर, ज्ञानपुर विधायक विपुल दुबे , मड़ियाहूं विधायक डा. आर के पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा, भाजपा के काशी प्रान्त मंत्री आशीष सिंह बघेल, उत्तरप्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के उपाध्यक्ष सोहनलाल श्रीमाली मौजूद रहे।
अंतराष्ट्रीय कालीन मेले की समाप्ति पर सीईपीसी के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता की ओैर अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुये सफल आयोजन के लिये केन्द्र व प्रदेश सरकार का आभार जताया। वहीं प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये भदोही डीएम विशाल सिंह ओैर एसपी डा मीनाक्षी कात्यायन के सहयोग की प्रशंसा भी की। सीइपीसी के चेयरमैन कुलदीप राज बठ्ठल ने बताया कि कालीन मेले में आने के लिये 464 आयातकों ने रजिस्ट्रेशन किया था। जिसमें 325 आयातक शामिल हुये हैं। बताया कि जो भी आयातक आये हैं वे अच्छे क्वालिटी के बायर है। बताया कि इस मेले से छोटे और मंझले निर्यातकों को लाभ मिला है। साथ ही साढ़े चार से पांच सौ करोड़ का व्यापार हुआ है। बताया कि इस कालीन मेले का सिर्फ वक्ती लाभ नहीं होता है बल्कि जो बायर निर्यातक के साथ जुड़ता है उसका दूरगामी परिणाम मिलता हैं । सुनिये सीइपीसी के चेयरमैन ने क्या कहा।