यदि कहीं पर कोई घटना हो जाये और उस घटना को घटित करने वाले को आप भलीभांति जानते हों, फिर भी आप की पैंट उसका नाम लेने में गीली हो रही हो तो आपको क्या कहा जायेगा। आमतौर पर किसी भी घटना के बाद हम पुलिस के उपर दोषारोपण करने लगते हैं। घटना का खुलाशा न हो पाये तो पुलिस को दोष देंगे। खुलाशे में देरी होने लगे तब भी पुलिस को दोष देंगे, लेकिन खुद की कायरता पर कभी शर्मिन्दा नहीं होंगे। ऐसा ही हो रहा करियांव बाजार में जहां सभी हजारों लोग कायर बन चुके हैं। अपराधियों के प्रति यह डर है कि बाजार के लोग नपुंसक बन चुके हैं, इसका अंदाजा लोग स्वत: लगा सकते हैं।
बता दें कि करियांव बाजार में मंगलवार की रात एक अपराधी प्रवृत्ति के युवक ने फायरिंग करके दहशत फैला दी थी। सुचना पाकर क्षेत्राधिकारी भदोही अभिषेक पाण्डेय, कोतवाल नवीन तिवारी सहित भारी संख्या में पुलिस पहुंच गयी। कोतवाल नवीन तिवारी ने बाजारवासियों को भरोसा दिलाया कि पुलिस उनकी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। पुलिस ने लोगों से सहयोग की बात करते हुये हरसंभव प्रयास किया कि कोई भी एक तहरीर दे दे। या किसने फायरिंग किया उसकी गवाही दे दे लेकिन बाजार का एक भी व्यक्ति गवाही देने के लिये तैयार नहीं हुआ। ऐसे में पुलिस करे भी तो क्या करे।
देखा जाता है कि अपने आसपास जब कोई अपराध प्रवृत्ति में शामिल हो जाता है तो उसका विरोध नहीं करते हैं। हर अपराध के लिये पुलिस को दोष देने वाले लोग अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझते हैं। लोगों को यह समझना चाहिये कि पुलिस हमारी सुरक्षा के लिये है। पुलिस विभाग में शामिल होने वाला व्यक्ति किसी दूसरे देश या चांद पर से नहीं आया है। बल्कि इसी समाज का ही एक अंग है।
जब अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लोग सजग होकर जागरूकता नहीं दिखायेंगे तो पुलिस हाथ मलने के अलावा क्या कर सकती है। वहीं करियावं में देखा जा रहा है। एक अदना सा युवक जिसने अभी जीवन के 20 बसंत भी नहीं देखें हैं वह खुलेआम फायरिंग करके चला गया, लेकिन बाजार में रहने वाले हजारों लोगों के अंदर की कायरता ने उन्हें सच बोलने से रोक दिया। हालांकि पुलिस अपनी तरफ से कार्रवाई कर रही है, लेकिन पुलिस का बयान या स्वत: संज्ञान लेकर करी कार्रवाई को कोर्ट कितना मानता है सर्वविदित है।
गौर करने वाली बात यह है कि अपराध की दुनिया का स्वाद चख रहा आशु मिश्रा नामक उक्त युवक सरे बाजार फायरिंग की और चलता बना। लोगों ने उसे देखा लेकिन कायरता इतनी कि विरोध नहीं किया। पुलिस कहती रही लेकिन किसी ने मुंह नहीं खोला। कल यहीं युवक इन्हीं बाजारवासियों के लिये नासूर बन सकता है। हो सकता है कि लोगों से वसूली भी शुरू कर दें, लेकिन जहां पर कायरों की जमात पैदा हो गयी हो वहां अपराधियों को जन्म लेने से कौन रोक सकता है। हो सकता है इस खबर का शीर्षक लोगों को चुभे, लेकिन यह नपुंसकों की जमात ही है करियांव बाजार में जो अभी तक पुलिस को एक बयान देने में डर रहे हैं।
दुःखद कि वहाँ की जनता जो ऐसे जुल्म को सह रही है !
एकजुट हो कर आवाज़ उठाए तो जरूर अपराधियों को सजा मिल सकेगी
इसी लिए भदोही सबसे कम बिकाश वाला जिला है