धर्म की नाव पर सवार होकर चुनावी नदी पार करेगी भाजपा
भदोही । वर्ष 1992 में श्री राम मंदिर आंदोलन के रास्ते सत्ता का रास्ता पकड़ी भाजपा के लिए धर्म ही राजनीति का हथियार बन गया। केंद्र समेत उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक परचम लहराए भाजपा के रग-रग में धर्म का ऐसा विश्वास समा गया है कि यूपी में दोबारा ताजपोशी के लिए उसकी रणनीति धर्म आधारित ही प्रतीत हो रही है। ऐसा अकारण नहीं बल्कि अयोध्या में श्री राम मंदिर का शिलान्यास काशी में बाबा विश्वनाथ और मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी कारीडोर शिलान्यास को जिस तरह प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है। वह अपने आप में प्रमाण है जो यह साबित करता है कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास वाला नारा तो भाजपा का राजनीतिक कवच है। जबकि धर्म से इतर वह चलना सोच भी नहीं सकती। इसकी मूल वजह यही है कि देश में जिस तरह वह गहरी पैठ बनाई। उसके पीछे विकास और राष्ट्रीयता जैसे मुद्दे तो गौड़ बड़ी ताकत बहुत से लोगों की धार्मिक भावना को जगाना रहा है। जिसमें भाजपा का कामयाब रही है। अपने लिए ऐसे सफल शस्त्र को भाजपा छोड़े भी तो क्यों? उसे भरोसा है कि नहीं समर सागर को पार करने के लिए धर्म की नाव ही कारगर है।
शायद यही कारण है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर और काशी में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया तो विंध्याचल कारीडोर का शिलान्यास भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह ने स्वयं किया। इसके पीछे की वास्तविकता चाहे जो हो किंतु इन धार्मिक शिलान्यासों में इन बड़े चेहरों का आगमन कार्यक्रमों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना था। जो मिला भी। वाह्य तौर पर इसे पर्यटन से जोड़कर पौराणिक नगरियों का विकास भले बताया जाए। किंतु इस सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता कि बिन्ध्य काशी और अयोध्या का विकास देश के बहुसंख्यकों पर सुखद प्रभाव डालेंगे और डाला भी हैं। इन तथ्यों से भाजपा अनजान नहीं है बल्कि उसे विश्वास है कि धार्मिक स्थलों का विकास ही उसे बहुसंख्यकों के बीच हिंदुत्व की पहचान दिलाएगी और इसका राजनीतिक लाभ भी मिलेगा। जो भी हो किंतु प्रत्यक्ष/परोक्ष यह तय है कि विन्ध्य की शक्ति अवध की भक्ति और बाबा विश्वनाथ धाम काशी के प्रभाव को ही भाजपा अपना पथ बनाई है। इसी पर चलकर उसे यूपी फतह का भरोसा है।
यदि ऐसा न होता तो भाजपा के हर कार्यक्रमों में भाजपा के भाजपा के हर छोटे बड़े नेता अयोध्या काशी और विंध्याचल समेत अन्य धार्मिक स्थलों के विकास विस्तार और सौनदर्यीकरण को बार-बार प्रचारित प्रसारित न किया करते।