उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रविवार को भदोही आ रहे हैं। योगी का भदोही यूं आना 2019 का चुनावी दौरा ही लग रहा है। योगी लखनऊ से सुबह 10 बजे भदोही के भिखारी पुर मैदान में हेलीकाप्टर से लैंडिंग करेंगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका पहला आगमन है। यहां वह 200 करोड़ की लागत से बने कारपेट एक्सपो मार्ट के साथ कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद काशी प्रांत के सांसद और प्रतिनिधियों के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। गेहूं क्रय केंद्रों का भी निरीक्षण करने के साथ जिला मुख्यालय केशवपुर सरपतहां में अफसरों और जनप्रतिनिधियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद शाम पांच बजे पुलिस लाइन से सीधे लखनऊ लौट जाएंगे। प्रशासन की मानें तो मुख्यमंत्री के आगमन की सभी प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो गयी हैं।
संगठन की समीक्षा या कुछ और
सूत्रों की मानें तो सीएम योगी का प्रोग्राम पहले ही बना था जिसमें उन्हें संगठन को लेकर व आगामी चुनाव को लेकर बैठक करनी थी, जिसके लिये बकायदा प्रोटोकाल भी आया था किन्तु सरकारी खर्चे पर संगठन की चर्चा कहीं मीडिया मुद्दा न बना दें इसलिये इसमें समीक्षा भी जोड़ दी गयी। हालांकि जो भी कार्यक्रम हैं वे संगठन को लेकर ही दिखायी दे रहे हैं।
किस बात की होगी समीक्षा
देखा जाये तो भाजपा सरकार बनने के बाद जिले में पूर्व सरकार द्वारा शुरू हुआ कार्य ही पूरा नहीं हो पाया है। पहले की योजनायें जहां अधर में पड़ी हैं, वहीं नये की शुरूआत कुछ भी नहीं हुई है, ऐसे में लगता है कि पुराने बोये गये पेड़ों को हिलाकर ही वाहवाही लूटने की योजना भाजपा जन बना रहे हैं।
रामपुर घाट पर क्यों नहीं है नजर
जिले के रामपुर गंगा घाट पर सालों से सेतु निर्माण की मांग उठ रही है, लेकिन अभी तक नहीं बन पाया है। वहीं पड़ोसी जिले इलाहाबाद के बरौत के टेला में भी गंगा नदी पर अभी तक सेतु नहीं बन पाया है। यह इलाका भदोही संसदीय क्षेत्र में आता है।
उफनती गंगा में दोनों घाटों पर स्टीमर या छोटी नावों से लोग इस पार से उस पर जाते हैं।जिसकी वजह से आये दिन बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं। यदि रामपुर घाट पर पक्का पुल बना दिया जाये तो मीरजापुर सेतु पर लोड काफी कम हो जायेगा वहीं लोगों की आर्थिक बचत भी होगी। वहीं रामपुर बन जाने से गोपीगंज से गंगा पार तक रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे।
दुर्घटनाओं में मरने वालों को बचायेंगे योगी !
राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभी तक ट्रामा सेंटर का निर्माण नहीं हो सका है। यहां आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में समय पर इलाज न मिलने की वजह से हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है। जिला अस्पताल महाराजा चेतसिंह से लेकर भदोही का एमबीएस और गोपीगंज का सामुदायिक अस्पताल सिर्फ रेफरल यूनिट के रुप में काम करते हैं। हादसों का शिकार व्यक्ति अस्पताल नहीं पहुंचा इसके पहले रेफर कागजात तैयार रहता है।
गंगा की कटान बनी मुसीबत
जनपद की सबसे बड़ी समस्या जिले के दक्षिणांचल के डीघ ब्लाक के कटरा-कानिया इलाके की है। यहां गंगा की कटान की वजह से कई गांवों का अस्तित्व सिमट गया है, लेकिन अभी तक इस कटान और बाढ़ को रोकने के लिए दीर्घकालिक नीति नहीं बन पायी है।
कालीन को कौन सी सौगात देंगे योगी
भदोही जिले का मुख्य उद्योग कालीन है, लेकिन कालीन उद्योग को अभी तक कोई खास सहूलियत नहीं मिल पायी है। सपा सरकार में बने मुख्यमंत्री एक्सपो मार्ट सौंपने जा रहे हैं यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है, लेकिन कभी यह उद्योग लोगों के रोजी-रोटी का जरिया था लेकिन आज ऐसा नहीं है। लोगों का मोह कालीन उद्योग से भंग हो गया है। क्या इस दिशा में योगी कोई कदम उठायेगे।
राजकीय बस सेवा से नहीं जुड़ पाया भदोही
जनपद की बड़ी समस्या परिवहन की है जिले को अभी तक राजकीय बस सेवा से आंतरिक रुप से नहीं जोड़ा जा सका है। जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए सुरियावां, अभिया, औराई, भदोही, मोढ़, दुर्गागंज, डीघ जैसे सुदूर ग्रामीणांचल इलाकों से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। मंडल मुख्यल मिर्जापुर जाने के लिए सरकारी बस सेवा उपलब्ध नहीं है।
तकनीकी शिक्षा से अछूता है जिला
जिले में तकनीकी शिक्षा के लिए कोई भी बेहतर संस्थान नहीं है। उत्तर प्रदेश के सबसे पुराने काशी नरेश राजकीय कालेज को आज तक विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं हासिल हो पाया है। जिसकी लड़ाई काफी अर्से से लड़ी जा रही है।
सरकार में गांव की उपेक्षा
ग्रामीण सड़कों की हालत खस्ता है। अभी सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हो पायी हैं। सड़कों का निर्माण पूरी तरह मानक के विपरीत है। ग्राम पंचायतों सुलभ शौचालय के निर्माण भी धांधली की गयी है। विकास कार्यों में बंदरबांट जग जाहिर है। अब देखना है यह है कि मुख्यमंत्री भदोही जिले को क्या सौगात देते हैं। या 2019 की चुनावी तैयारियों का जायजा लेकर लखनउ उड़ जाते हैं।