कुछ महीने पहले तक पूरे पूर्वांचल में भदोही पुलिस पशु तस्करों पर कार्रवाही के लिए पहचानी जाती थी, जिले की पुलिस खासकर हाईवे के थानों ने पशु तस्करों पर बड़ी कार्रवाई का रिकार्ड भी बनाया था। 10 महीनों में बीते जनवरी महीने के अंतिम समय तक 4500 से ज्यादा पशुओं को मुक्त कराया गया था, 275 तस्करों की गिरफ्तारी और 80 से ज्यादा मुकदमें दर्ज कर पुलिस ने वाहवाही लूटी थी, लेकिन अब आपको जानकर हैरानी होगी की उसी पुलिस ने अचानक पशु तस्करों को दोनों हाथो से आर्शीवाद दे दिया है और पशु तस्करों ने भी दोनों हाथ भर भी दिए हैं। अब हाईवे पर बे रोकटोक पशु तस्करी हो रही है।
क्या है इस पशु तस्करी का पूरा सच पढ़ें हमार पूर्वांचल की इस रिपोर्ट में —
अचानक कैसे रुकी पशु तस्करों पर कार्रवाही, कौन हो रहा मालामाल
जनवरी महीने के आखिर तक पशु तस्करी पर जिस तरह से कार्रवाही हुई उसने सभी को चौका दिया था। कुछ लोगों का मानना था की भाजपा सरकार बनने की वजह से कार्रवाही हो रही है लेकिन ऐसा नहीं था आज हम आपको बताते हैं कि उस समय पुलिस के मुखबिर कौन थे और अब क्यों नहीं पुलिस पकड़ रही तस्करों को , सूत्रों का मानना है की पशु तस्करों की लोकेशन देने वाले मुखबिर भी तस्करी के काले कारोबार से जुड़े लोग ही थे यह वह लोग है जो अपने विरोधियों की गाड़ियों की मुखबिरी करते थे और उन गाड़ियों को पकड़ा जाता था जो सेटिंग से बाहर थी, मसलन यह कहे की सेटिंग के दबाब के लिए ही कार्रवाही हो रही थी जो अब हो गयी तो कार्रवाही भी बंद हो गयी।
किस पुलिस अफसर के इर्द गिर्द है सभी पशु तस्कर
एक समय था की कारखास शब्द बड़ा प्रचिलत था उनके कमरों के बाहर तस्करों से लेकर तमाम लोगों की लाइन लगी होती थी। अब लगभग वह खत्म होता दिख रहा है क्योंकि बड़े अफसरों ने पूरी कमान अपने हाथ में ले ली है। सूत्रों के मुताबिक एक दो लाख नहीं बल्कि कई लाख रुपया फीस होती है एक थाना क्षेत्र से जानवरों की गाड़िया पार कराने की, कुछ महीनों पहले ऊंज थाना में तैनाती के दौरान एक पुलिस अधिकारी की अच्छी पैठ तस्करों से बन चुकी थी। वहीं से उस अफसर ने जिले के पूरे हाईवे का ठेका ले लिया था। अब वह अफसर हाईवे के एक सबसे महत्वपूर्ण दूसरे थाना में तैनात है और अब उसी के संरक्षण में ही पूरा खेल चल रहा है तभी तो कथित सिंघम से लेकर तेजतर्रार साहब भी चुप है।
रात में तो छोड़िये जनाब दिन में भी हो रही तस्करी
रात के अँधेरे में तस्करी के दिन लद गए अब तो साहब लोगों की मेहरबानी जो है तो दिन में भी बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है अकेले भदोही ही नहीं हाईवे के लगभग सभी थानों पर सेटिंग का खेल है , कई करोड़ का यह काला कारोबार है इस कारोबार की जड़े इतनी मजबूत है की यह मजबूत कुर्सियों तक को हिलाने की ताकत रखता है। फिलहाल चाहे जो हो लेकिन इस बार जिले की मजबूत कुर्सियां हिली नहीं बल्कि प्रेमालाप और बड़े साहब की वजह से तस्करों ने कुर्सियों पर बैठे साहब के जेब का वजन जरूर बढ़ा दिया है।
[…] भदोही: ब्लैक डायमंड का काला कारोबार हा… […]
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