Home मुंबई नववर्ष पर गुरू आशिष पा कर धन्य हुए भक्त

नववर्ष पर गुरू आशिष पा कर धन्य हुए भक्त

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हमार पूर्वांचल

मुंबई : नववर्ष के उपलक्ष्य में ग्रांट रोड के केम्प्स कार्नर स्थित मानव उत्थान सेवा समिती के आश्रम में मानव धर्म के प्रणेता सदगुरू श्री सतपाल जी महाराज की कृपा प्राप्त आश्रम की प्रमुख महात्मा उर्मिला बाई जी के आव्हान पर सुबह से ही गुरू चरणों में मत्था नवां कर वर्ष मंगलमय करने भक्तों का तांता लगा रहा।  महात्मा उर्मिला बाई जी ने बताया कि सुबह ८ बजे से गुरुकृपा प्रदत्त क्रियाओं के ज्ञान की ध्यान साधना कराई गई व बधाइयां दी गई।

आश्रम की वरिष्ठ महात्मा धीरज माता जी, महात्मा अगोचरा बाई जी, महात्मा देवकली बाई जी, के देखरेख में ज्ञान साधना भक्तों ने की और एक साथ भक्तों ने दीप प्रज्वलित कर वर्ष दीपक के प्रकाश जैसे ही प्रकाशमय हो यह श्री गुरू महाराज जी के चरणों में सारे जीवों के लिए सामूहिक प्रार्थना की। बाई जी ने बताया यह ज्ञान सनातन है। जो सुर्य से लेकर भगवान कृष्ण तक और इस चारों क्रियाओं पर लिखें चारों वेदों के शिल्पकार वेद व्यास जी से लेकर तुलसीदास जी तक ने अपने लेखों के माध्यम से दर्शाया है और जिज्ञासू भक्तों को साकार स्वरूप परमात्मा का साक्षात्कार कराया है।

श्री सतपाल जी महाराज के एक शिष्य मोहन सिंह जी ने बताया कि यह ज्ञान अनमोल है केवल शिष्य में पात्रता होनी चाहिए। यह दरबार सच्चा दरबार है जहाँ पैसे का मूल्य नहीं है। गुरू महाराज जी का यही ज्ञान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को भरी रणसेना के बीच उसके अंदर ही दिखाया जो संजय तक नहीं देख पाया केवल श्री कृष्ण के शब्दों को ही राजा धृतराष्ट्र को बताते रहे और अर्जुन को अपने अंदर आत्मसाक्षात्कार कर ईश्वर के रूप देखने पर सहसा मुख से निकला “अहं ब्रम्हाष्मी” मै ही ब्रम्ह हूं, वही ज्ञान श्री गुरू महाराज जी ने कृपा कर हमारे अंदर कराया।

हमार पूर्वांचल
दरबार में उपस्तिथ भक्त गण 

इस दरबार में भक्तों को सत्संग सुनने के बाद प्रश्न पूछकर ही ज्ञान दिया जाता है ना कि भेड़ों जैसे भीड़ इकठ्ठे करना यहीं कारण है कि इसे सच्चा दरबार कहा जाता है।
भक्तों ने गुरू आशिष, साधना, सत्संग के बाद प्रसाद वितरण का लाभ लिए।

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