Home मुंबई आखिर कब सुधरेगी बीएमसी! डूबती मुम्बई

आखिर कब सुधरेगी बीएमसी! डूबती मुम्बई

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मुम्बई: भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा हिस्सा मुम्बई है,और यहीं का महानगर पालिका जिसकी हर साल की लापवाही के कारण मानसून की छीटों से डूबने लगती है। हर साल की भाती इस साल भी वहीं होगा क्योंकि करोड़ों के सरकारी खजाने को चूना लगाने की लत जो लग गयी है,मुम्बई महानगर पालिका को जो आने वाले मानसून मे बड़ा खतरा बनाने का रास्ता है।
बृहद मुम्बई महानगर पालिका प्रशासन हर मानसूनी बारिश को नजरअंदाज करके सोता रहता है,और जब मुम्बई डूबती है तो फिर लाखो रूपये सरकारी खजानो का पंपिंग मोटर,पानी निकासी मे उड़ाती है।

मुम्बई को हर साल डूबाने में बीएमसी का सब से बड़ा हाथ

पिछले वर्ष जलभराव को देखते हुए,कुर्ला से मुलुण्ड तक जलनिकासी के लिए नालो के चौड़ीकरण की योजना पास हुयी,जिसका मई अन्तिम सप्ताह डेडलाइन दिया गया परन्तु महापालिका प्रशासन अभी भी नींद मे इस योजना काम अभी मात्र तीस प्रतिसत ही हुआ है,जो मुम्बईकर के लिए खतरा बन सकता है,अगर जल निकासी की व्यवस्था सूचारू नही पायी तो मुम्बई वासी जलभराव की समस्या से परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा।

नालों की सफाई का कार्य भी है,अभी अधूरा

इसी तरह मुम्बई की जल निकासी के लिए सरकारी खजाने से करोड़ो रूपय पारित होते है,मानसून से पहले नालो की सफाई के लिए परन्तु हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी वही हाल है,हिन्दमाता,कोलाबा,दादर,माटुंगा, सायन जैसे निचले क्षेत्रों के नालो की सफाई का कार्य भी अभी आधा अधूरा ही हो पाया है,जहा सबसे ज्यादा खतरा जलभराव का होता है।

पोईसर के नाले का सफाई और दुरूस्तीकरण का होता है सिर्फ उद्घाटन

हर वर्ष की तरह इस बार भी कादीवली के पोईसर नाले के दूरूस्तीकरण और सफाई के लिए स्थानीय नगरसेविका ने मार्च मे नारियल फोड़ वहा की जनता को अन्य नेताओं की तरह जनता से वाह वाही तो लुट ली पर अभी भी नाले का दुरुस्तीकरण का काम पूरा नहीं हो पाया है।

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