मुम्बई। एक तरफ जहाँ सरकार कोरोना वायरस महामारी से लड रही है वही कई अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है!कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका में अनुबंध के तहत काम करने वाले सफाई कर्मचारियों ने कोरोना संकट के दौरान शहर का कूड़ा कचरा उठाने से इनकार कर दिया है! इन कर्मचारियों का कहना है कि पालिका के अधिकारी उन्हें उपकरण मुहैया न कराकर हाथों से ही सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करने के लिए कह रहे हैं ! ऐसे में कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान में कोरोना का प्रकोप छाया हुआ है, इसलिए वे बिना किसी सेफ्टी उपकरणों के हाथों से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग नहीं करेंगे! इसी विषय को लेकर अखिल भारतीय कामगार कर्मचारी यूनियन ने सोमवार के दिन काम बंद आंदोलन किया!
केडीएमसी ने शहर में कूड़ा कचरा उठाने का ठेका R&B इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है, यह कर्मचारी उसी कंपनी के अनुबंध पर शहर में कूड़ा कचरा उठाने का काम करते हैं! इस विषय में ठेकेदार से बात करने पर उसने बताया कि हमारा काम केवल कचरा उठाकर उसे डंपिंग ग्राउंड में डालना है, जबकि सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करने की जिम्मेदारी यह नागरिकों की है! नागरिक अपनी भुमिका निभाते नही है! महानगरपालिका अधिकारी कर्मचारियों को ही हाथों से कचरा उठाने के लिए कह रहे हैं, जिसकी वजह से कर्मचारियों को भी बीमारियों का खतरा हो सकता है! इस हड़ताल में अखिल भारतीय कामगार कर्मचारी संघ के कल्याण अध्यक्ष निखिल चव्हाण, यूनिट अध्यक्ष गणेश बेंद्रे सहित मनसे के कार्यकर्ता प्रमोद भोईर भी कामगारों के साथ उपस्थित थे!