मुम्बई: मेट्रो-3 के हो रहे काम के मामले मे आज कफ परेड मे एक याचिका की सुनवाई करते हुए बाम्बे हाईकोर्ट ने कहा की मेट्रो को रात मे शोर मापदंडों का पालन करते हुए काम करना चाहिए। यह आदेश जस्टिस अभय ओक और रियाज चाग्ला के एक बेंच ने यह आदेश दिया की मेट्रो-3 पर हो रहे काम मे उपयोग लाने वाले मशीनरी और तोड़को की आवाज़ से किसी को कोई परेशानी न हो इसलिए मेट्रो का काम रात्रि मे करते समय इन बातो का ध्यान दिया जाय जिसमे शोर के सभी मापदंडों का पालन किया जाए और मेट्रो इसकी जबाबदेही ले।
मुम्बई मेट्रो रेल निगम ने उच्च न्यायालय से अपिल की थी कि वह अगस्त 2017 के आदेशों को निरस्त करे जिसमे रात्रि 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक काम न करने का आदेश दिया गया था। मेट्रो अधिकारियों ने कहा कि एमएमआरसी को एक सुरंग बनाकर मशीन को कफ परेड की ओर ले जाना है। मशीन के असेंबली मे चालीस से पैतालीस दिन लगेगी जिसे देखते हुए कोर्ट को रात मे हमे काम करने की इजाजत देनी चाहिए।