मुंबई । नवी मुम्बई से संचालित संस्था “विविध भारतीय भाषा संस्कृति संगम” वर्ष 2018 के उत्तरार्ध में लता टी.रेणुका की देखरेख में गठित संस्था है जो हर त्रैमासिक गोष्ठी में भारत की तमाम क्षेत्रीय भाषाओं में अपने कार्यक्रम कर रहा है. परन्तु यह अवसर विशेष था क्योंकि इसमेंं रतन लाल शर्मा ‘नीर’ द्वारा रचित पुस्तक का लोकार्पण हुआ।
‘विविध भारतीय भाषा संस्कृति संगम’ के बैनर के तले पनवेल नवी मुंबई के कश्यप हाल में रतन लाल शर्मा (मेनारिया) “नीर” के उपन्यास ‘नंदिनी’ का लोकार्पण हुआ। जिसमें संस्था अध्यक्षा लता तेजेश्वर ‘रेणुका’, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रमोद कुमार कुश ‘तनहा’, मुख्य अतिथि डॉ. प्रमिला शर्मा, विशेष अतिथि लोकनाथ तिवारी और विजय भटनागर ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। सरस्वती वंदना से रस विभोर वंदना श्रीवास्तव ने की।
अपना वक्तव्य पेश करते हुए साहित्यकार पूर्णिमा पांडेय ने किताब नंदिनी पर सारगर्भित समीक्षा की । ‘नंदिनी’ उपन्यास में समाज की अनेक कुरीतियों यथा लड़कियों की शिक्षा के प्रति उदासीनता, बेमेल विवाह , युवाओं में बढ़ती संस्कारहीनता, मानव अंग तस्करी, आजकल के डॉक्टरों की लोलुपता आदि पर प्रहार किया है वहीं ग्रामीणों में भाईचारा, स्नेह, सुख-दुख में सहभागिता आदि मूल्यों को भी दर्शाया है। मूल रूप से यह स्त्री संघर्ष को केन्द्र में रखकर लिखा गया है।
अश्विन ‘उम्मीद’ के संचालन में लोकार्पण के बाद त्रिलोचन अरोरा, कुलदीप सिंह, आशीष कुमार, शुरेश अल्हड़, श्रीराम शर्मा, जाकिर हुसैन, रामेश्वर गुप्ता, विश्वम्भर दयाल तिवारी, हगदीश शर्मा, सारिका पारिक, चंद्रिका व्यास, मैत्रेयी कमिला, नीलम सोमानी, इंद्र हिरदानी, शिवदत्त ‘अक्स’ अभिलाष आदि ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की।
श्रीमती पांडेय और अन्य सभी गणमान्य साहित्यकारों का तेजेश्वर ने आभार व्यक्त किया। तत्पश्चात अध्यक्ष की अनुमति से कार्यक्रम की समाप्त की घोषणा हुई।