ब्राह्मण हमेशा से हमारे पुज्यनीय रहे है और हमेशा रहेंगे, रमेश बिन्द की यह लाइन आज ब्राह्मणों के गले नही उतर रही है क्योकि भदोही लोकसभा के कुछ ब्राह्मण तो रमेश बिन्द के वायरल वीडियो से खफा है वही कुछ ब्राह्मण भाजपा या मोदी के कार्यो से प्रभावित होकर रमेश बिन्द के पक्ष में है। भदोही लोकसभा के ब्राह्मण इस समय ऊहापोह की स्थिति में है कि आगामी 12 मई को किसे वोट दिया जाए? भदोही लोकसभा के ब्राह्मणों के बीच अब राष्ट्रवाद बनाम जातिवाद की राजनैतिक लडाई जारी है।
यदि जातिवाद ब्राह्मणों पर हाबी हो जाए तो रमेश बिन्द के लिए मुश्किल हो सकती है और इसी को बचाने के लिए भाजपा समर्थक राष्ट्रवाद की हवा दे रहे है। लेकिन लोकसभा के लोग इसमें अपनी राय अभी स्पष्ट नही कर पा रहे है।
भाजपा प्रत्याशी रमेश बिन्द ने वायरल वीडियो को फर्जी बताया और उसके स्पष्टीकरण में एक वीडियो भी वायरल किया जिसमें रमेश ने ब्राह्मणों के सम्मान की बात कही है। इसके अलावा क्षेत्र के दौरे पर हर जगह ही रमेश बिन्द व भाजपा के लोग यह साबित करना चाहते है कि रमेश बिन्द का वह वायरल वीडियो झूठा है और एक साजिश के तहत वह वायरल किया गया है। रमेश बिन्द को भाजपा नेताओं के अलावा जिले के राष्ट्रवादी विचारधारा के लोग भी भाजपा को वोट देने के पक्ष में है। और लोग सोशल मीडिया पर अपनी राय दे रहे है। लोगों का तर्क है कि रमेश बिन्द ने भले गलती की है लेकिन मोदी के कार्यों को देखकर भाजपा को वोट देना जरूरी है।
वही ब्राह्मण संगठन व कट्टर ब्राह्मण रमेश बिन्द के पक्ष में वोट न देने के लिए मजबूती से तैयार है। और लोकसभा के लोगों को रमेश बिन्द को वोट न देने की बात कह रहे है। इस ऊहापोह की स्थिति में ब्राह्मण नया चेहरा या नोटा के तरफ भी निगाह बनाए है। यदि जिले में ब्राह्मण जातिवाद के मुद्दे पर मतदान किये तो लोकसभा के ब्राह्मण प्रत्याशियों को इसका लाभ मिल सकता है। लेकिन राष्ट्रवाद की लहर कामयाब हुई तो लोग न चाहते हुए भी ब्राह्मण मोदी के नाम पर रमेश बिन्द को वोट देंगे। लेकिन ब्राह्मणों का कुछ वोट भाजपा के अलावा अन्य को भी जा सकता है।
युवा आशुतोष तिवारी ने बताया कि पहले राष्ट्र, फिर धर्म, और अन्त में जाति है। इसीलिए यह चुनाव देश के लिए महत्वपूर्ण है। जिसमें लोगों को जाति धर्म की बात भूलकर राष्ट्र के लिए मतदान करना चाहिए। वही ब्राह्मण संगठन के अम्बरीश तिवारी ने कहा कि चोला बदल लेने से विचारधारा नही बदल जाती है। आज चुनाव है इसलिए नरमी है कल जीतने के बाद फिर भाषा बदल जायेगी। इसलिए हमें ऐसे लोगों का समर्थन नही करना चाहिए।
भदोही लोकसभा में भाजपा के लिए इस बार सच में विवाद काफी दिख रहा है। कभी पर्चा में भाजपा के जगह बसपा भरना। फिर पुराना वीडियो लोकसभा क्षेत्र में फजीहत का काम कर रहा है। सच में भदोही के ब्राह्मण इस समय जातिवाद बनाम राष्ट्रवाद की आपसी लडाई में उलझे हुए है। जिसकी उलझन चुनाव के बाद ही स्पष्ट हो पायेगी कि भाजपा की यह सीट भाजपा के खाते में जाती या किसी अन्य के? भदोही लोकसभा का चुनाव सच में इस बार काफी चर्चा में है जो पूरे देश की मीडिया की सुर्खिया है।पहली बार ऐसा देखने को मिला कि दस दिन चुनाव बाकी है लेकिन अभी तक ब्राह्मण अपना मत किसे देंगे निश्चित नही कर सके है। जो भी हो लेकिन चुनावी माहौल में हम सब को आपसी रिश्ता नही खराब करना चाहिए। जो जीतेगा वही हमारा नेता होगा।