बस्ती । केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जो स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत संचालित होती है है। नगरीय क्षेत्रों में नगर पालिका परिषद बस्ती, नगर पंचायत रूधौली, हर्रैया, बभनान को कागजों में ओडीएफ किया जा चुका है। वहीं बनकटी ओडीएफ के रास्ते में फिसड्डी साबित हुआ है। वहां अब जाकर शौचालय निर्माण की दिशा में काम शुरू हुआ है।
नगर पालिका बस्ती में 25 वार्डों में 3006 शौचालय बनाने का लक्ष्य था जो अब तक 89.99 प्रतिशत के साथ सबसे पहले पायदान पर बना हुआ है। रूधौली नगर पंचायत के 15 वार्डों में लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 66.43 प्रतिशत काम पूर्ण कर 283 शौचालय बन चुके हैं। बभनान नगर पंचायत के 15 वार्डों ने भी 894 शौचालयों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 72.48 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। हर्रैया नगर पंचायत के 10 वार्डों में 428 शौचालय के सापेक्ष अब तक 48.36 फीसद काम पूरा हो सका है।
ये आंकड़े कागजी हैं, धरातल पर जहां अब तक असल लाभार्थियों को योजना से दूर ही रखा गया है। सबसे हास्यास्पद तो ये है की जब ग्रामीण क्षेत्र में प्रति लाभार्थी को दो किस्तों में रू 12000 दिया जा रहा है तो नगरीय क्षेत्र में निर्माण की लागत सिर्फ रू 8000 क्यों दी जा रही है।
दबी जुबान से नाम ना छापने की शर्त पर विभागीय कर्मचारी ने बताया की योजना के तहत लाभार्थियों को रू 12000 दिया जाना है। जिसके तहत 4000 केंद्र, 4000 राज्य सरकार और 4000 स्थानीय निकाय अंशदान करेंगी। जिससे शौचालय बन सके। वहीं योजना में सिर्फ अब तक लाभार्थियों को दो किस्तों में रू 8000 दिया जा रहा है जिसमें ठगो की हिस्सेदारी भी है।
वहीं धरातल पर देखें तो अब तक बहुत से पात्र परिवार ऐसे हैं जो योजना का लाभ लेने के लिए जिम्मेदारों के चौखट पर रोज माथा पटकते है। वार्ड नम्बर दो मिश्रौलिया के रहने वाले राम मिलन, बेचन,पल्टू, राजाराम, विश्वनाथ जैसे हजारों परिवार अब तक शौचालय मिलने के नाम पर सपना देख रहे हैं।
मजे की बात तो ये है कि इस सवाल पर सभी कन्नी काटते नजर आये की शौचालय निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री शहरी क्षेत्रों में महंगी होगी या ग्रामीण इलाकों में। जो भी हो ओडीएफ के नाम पर जब शहरी क्षेत्र में जमकर खेल हो रहा हें जो की बड़े घोटाले की तरफ इशारा कर रहा है।
इस संबंध में जब अधिशासी अधिकारी बस्ती, नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों से बात की गयी तो सबने एक सुर में लाभार्थियों को रू 8000 देने की बात कही। सवाल उठता है की बाकी के रूपये 4000 कौन पाएगा।