मुंबई। उत्तर भारतीय महासंघ के मुंबई अध्यक्ष एवं भारतीय विकास संस्थान के महासचिव डॉ मनोज दुबे ने कहा सूरत, वाराणसी, वडोदरा कुर्ला रेलवे स्टेशनों के कुलियों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना था। कई सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े डॉ दुबे रेलवे सलाहकार समिति व रेलवे पुलिस समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि दिन-रात यात्रियों की सेवा करने वाले कुलियों को जो पैसे यात्रियों से मिल जाते हैं ,उसी से इनका गुजर-बसर होता है। ना तो इन लोगों का कोई मेडिक्लेम है। ना हीं इंश्योरेंस और ना ही कोई अन्य सुविधाएं मिलती हैं। साथ ही इनके बच्चों को भी रेलवे की डी ग्रुप भर्ती में नौकरियां नहीं मिल पाती हैं। लेकिन सरकार और रेलवे मंत्रालय हमारे देश के इन कुलियों के लिए आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया इन कुलियों की समस्याओं के विषय में जब हमने भारतीय विकास संस्थान और उत्तर भारतीय महासंघ के अध्यक्ष डॉ योगेश दुबे जी से बात की, तो उन्होंने कुलियों की मांगों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक याचिका दायर की और इसी सप्ताह आयोग ने इस याचिका पर बड़ी कार्यवाही करते हुए देश के चीफ लेबर कमिश्नर (भारत सरकार) एवं चेयरमैन रेलवे बोर्ड (भारत सरकार) को 8 हप्ते के अंदर उचित कार्यवाही कर सूचित करने का आदेश दिया है।
डॉ मनोज ने बताया कि डॉ योगेश दुबे द्वारा पिछले वर्ष माता वैष्णोदेवी धाम में जो पिट्ठू सेवा देते हैं। उन्हें भी कोई सुबिधा नही मिलती थी लेकिन डॉ योगेश द्वारा दायर याचिका पर आयोग ने कार्यवाही की और सरकार की कई योजनाओं का लाभ अब उन पिट्ठुओं को मिल रहा है।