कल्याण : पूर्व और पश्चिम को जोडने वाले ब्रिटिश जमाने के 104 वर्ष पुराने पत्री पुल के टूटने से पुरा शहर जाम की समस्या से त्रस्त है। विदित हो कि अंधेरी में हुए गोखले ब्रिज की घटना के बाद मुंबई के सभी पुलो का स्ट्रक्चरल आडिट कराया गया था जिसमेँ गंभीर पुलो को तोडऩे का आदेश हुआ था। सरकार का यह कदम तो जनहित के लिए सराहनीय था परंतु इतनी बडी आबादी से उत्पन्न ट्रैफिक की समस्या को नजर अंदाज किया गया जिसके कारण नगरवासी लगभग छः महीने से जाम की समस्या से परेशान है। इसका दबाव बालधुनी के पास वाले रेलवे ओवरब्रिज पर पड रहा है जिससें वहां भी जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। जाम एक तरफ पत्री पुल से लेकर बैल बाजार तक तथा दुसरी तरफ सूचक नाका, टाटा पावर हाउस तक पहुंच जाता है।
ऐसे में सडक पर अवैध ढंग से किये गये अतिक्रमण समस्या को और बढा रहे है। सूचक नाका सर्कल पर जहाँ ट्रफिक पुलिस भी रहती है वही आर.के. मिश्रा हिंदी विद्यालय के ठीक सामने फुटपाथ पर अवैध फेरीवालों का अतिक्रमण देखा जा सकता है।
इस वजह से जहां एक तरफ रोड पर ट्रैफिक होने से पैदल चलने वाले परेशान है तो दुसरी तरफ स्कूल से छुटनेवाले छोटे बच्चे परेशान है। विद्यालय प्रशासन ने वार्ड’ ज’ में इसकी शिकायत भी की थी परंतु फिर भी प्रशासन शायद किसी दुर्घटना के इंतजार में है।
जाम से होनेवाले विलंब की समस्या के कारण रिक्शेवालों ने किराया भी बढा दिया है। मतलब यहां से गुजरने वाले राहगीरों को समय का ही नही बल्कि आर्थिक नुकसान भी उठाना पड रहा है। उम्मीद है प्रशासन का ध्यान इस पर अवश्य जायेगा।