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हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखने का सपना साकार कने हेतु विचार गोष्ठी

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भाजभा प्रचार समिति के तत्वावधान में हिन्दी पखवाडा के साथ काव्यगोष्ठी संपन्न

ठाणे। भारतीय जन भाषा प्रचार समिति ठाणे एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में दिनांक 28 सितम्बर 2019 शनिवार सायं मुन्ना विष्ट,कार्यालय सिडको बस स्टॉप ठाणे (पश्चिम) में हिन्दी को राष्ट्रभाषा का सपना साकार करने के उद्देश्य से हिन्दी पखवाडा पर विचार संगोष्ठी एवं विशेष काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता भोपाल से पधारे वरिष्ठ कवि, साहित्यकार किशन तिवारी ने किया। मंच संचालन का कार्यभार भारतीय जन भाषा प्रचार समिति ठाणे के अध्यक्ष रामप्यारे सिंह रघुवंशी ने खूबसूरत अंदाज़ में किया। सर्वप्रथम काव्यगोष्ठी का शुभारंभ वरिष्ठ कवि अभिलाज के सरस्वती वंदना से हुआ फिर विचार गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकारों ने हिन्दी की अस्मिता पर प्रकाश डाला।

विचार संगोष्ठी के पश्चात गोष्ठी को दो सत्र में विभक्त किया गया।पहले सत्र में हिन्दी की गुणवत्ता,राष्ट्रभाषा,मानव एवं कलम के अपार तालमेल व हिन्द की आन-बान-शान हिन्दी पर विशेष काव्य प्रतियोगिता रखी गई । जिसमें अच्छी रचना पर प्रथम,द्वितीय,तृतीय पुरस्कार के साथ चतुर्थ विशेष पुरस्कार की घोषणा के साथ काव्य प्रतियोगिता आरंभ हुई।मंच पर अध्यक्ष महोदय के साथ प्रतियोगिता में खूबसूरत रचना पर नंबर देने हेतु निर्णायक मंडल में एडवोकेट अनिल शर्मा,प्रशिक्षित शिक्षक उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ साहित्यकार त्रिलोचन सिंह अरोरा के नाम की घोषणा की गयी।

उक्त विशेष काव्य प्रतियोगिता में उपस्थित साहित्यकारों में शारदा प्रसाद दुबे,विनय शर्मा दीप, राधाकृष्ण मोलासी, नंदलाल थापर,अभिलाज, ओमप्रकाश सिंह,शिवशंकर मिश्र, उमाकांत वर्मा, भैरव फरक्या,अरुण मिश्र अनुरागी, संजय द्विवेदी, कमलेश पाण्डेय तरूण,भुवनेन्द्र सिंह विष्ट, अनिल कुमार राही, कल्पेश यादव,मनोज मैकस,किशन दयाराम आडवाणी,आर जे आरती सैया हिरांशी,अंजनी कुमार द्विवेदी,राजीव कुमार मिश्रा, श्याम सुन्दर केसरकर,अनीश कुरैशी,कुलदीप सिंह दीप आदि प्रमुख थे।

काव्य प्रतियोगिता में प्रथम विजेता एडवोकेट राजीव मिश्रा,द्वितीय विजेता कल्पेश यादव,तृतीय पुरस्कार कवियत्री आर जे आरती सैया हिरांशी को दिया गया और चतुर्थ विशेष सम्मान वरिष्ठ कवि कमलेश पाण्डेय तरूण को शाल,श्रीफल व धनराशि के साथ प्रदान किया गया।दुसरे सत्र में सभी साहित्यकारों ने अपनी-अपनी पसंद की एक-एक रचना सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।गोष्ठी राष्ट्रीय गीत के साथ समाप्त हुई और उपस्थित सभी साहित्यकारों का आभार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय साहित्य परिषद के महामंत्री संजय द्विवेदी ने विशेष काव्यगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु सभी को धन्यवाद दिया।

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