Home मन की बात नगरसेवक नहीं चक्की वालों की सुनता है बिजली विभाग

नगरसेवक नहीं चक्की वालों की सुनता है बिजली विभाग

कल्याण: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे करीब का वह उपनगर जहां से प्रतिदिन लाखो लोग मुंबई एवं पुणे की तरफ कामधंधो के सिलसिले मे आना जाना करते है परंतु 3 जुलाई को बरसात की वजह से अनचाहे छुट्टी के बाद 4 जुलाई को भी लोग क्षेत्रो से बिजली गुल रहने के कारण छुट्टी करने को मजबूर बन गए हैं।

बता दें कि 3 जुलाई को तकरीबन 3 बजे रात से क्षेत्र की गुल हुई बिजली 4 जुलाई को सुबह 7 बजे ही बहाल हो पायी उस कैलाशनगर स्थित अंबेडकर चौक के बगल के क्षेत्रो मे जिसका प्रतिनिधित्व तीन नगरसेवक के तरफ से होता है। इन क्षेत्रों मे वर्षो से अचानक बिजली गुल होते रहना कोई नयी बात नही है परंतु जब से इस चौक के अगल बगल के क्षेत्रो का प्रतिनिधित्व तीन तीन नगरसेवक महोदयो के हाथ आया तब से क्षेत्रो की जनता मे विश्वास जगा कि अब भूले बिसरे दिन गए बावजूद इसके आज भी जस का तस वही हाल हो रहा है कि जैसा वर्षो पहले हुआ करता था।

भले ही यह बात और है कि अगर दोपहर मे अचानक गुल हुई बिजली के कारण सबसे पहले यहां के आटाचक्कीवालो को ही फोन करना पङता है ताकि शाम को उन्हे हजारो लोगो के लिए गेहूँ या मक्के जैसे अनाजो के आटे पीसने की जरुरत रहती है और यदि बिजली जल्दी आ भी जाती है तो यहां के रहिवासी विश्वास कर जाते है कि यह आटा चक्कीवालो के फोन करने के बदौलत ही बिजली आ पायी है।

विद्युत विभाग का हाल यह यह है कि जल्दी उनका फोन लगता नही, लगेगा तो कोई संतोषजनक जबाब मिलेगा नही ,टोल फ्री नं पर बात करने की कोशिश मे बिल भरने की ही आँनलाईन प्रक्रिया के भुगतान का व्याख्यान सुनते सुनते बचे हुए मोबाईल की बैटरी भी उतर जाती है। नगरसेवक अपने अपने घरो मे महंगे इन्वर्टर लगा कर बैठे होगें तो उन्हे पता ही नही चलता कि क्षेत्र मे बिजली है कि नही।
कारण जो भी हो मुंबई से सटे इतने करीब की इस क्षेत्र की हालत वर्षो पहले जैसी अभी भी उचित सुविधाओ के अभाव मे दयनीय एवं शोचनीय है।

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