Home आजमगढ़ रेल प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा टिकट निरीक्षकों का भ्रष्टाचार

रेल प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा टिकट निरीक्षकों का भ्रष्टाचार

744
0

रेल प्रशासन यात्रियों को सहूलियत और सेवायें प्रदान करने के मकसद से प्रत्येक ट्रेनों में टिकट निरीक्षक तैनात करती हैं, जो यात्रियों को उनकी सुरक्षित और सुलभ यात्रा करने में मदत करते हैं, जब वहीं कर्मचारी अपने अंतरात्मा को मारकर मात्र चंद रूपये के लिए रेल विभाग और यात्री दोनों से छलावा करते हैं और अन्य यात्रियों के साथ असंवेदनशील व्यवहार करते हैं तब मन कुपीत हो उठता है। यह अक्सर उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों में होता है।

मामला है गोदान एक्सप्रेस का, जिसमें आजमगढ़ से मुंबई सफर करते हुए एक टिकट निरिक्षक से रूबरू होने का मौका मिला, जहाँ एक यात्री ट्रेन में न चढ पाने के कारण सीट रिक्त रह गई जैसे ही उक्त टिकट निरीक्षक को पता चला कि सीट पर कोई नहीं आया तब आँखों में चमक कौंध गई ऐसा प्रतीत हुआ कि मानों बकरा बली करने का हथियार मिल गया। उनसे पूछने पर कानुन बताने लगे कि खाली सीट पर आरएसी टिकट यात्री को सीट उपलब्ध कराई जाती है। जबकि उसी डिब्बों में वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने वाले अन्य यात्री को भी दे सकते थे, परंतु वह यह नहीं कर प्रयागराज आने पर साधारण(चालू) टिकट से यात्रा कर रहे यात्रियों से अनुचित प्रकार से पैसे लेकर और साथ ही दंड वसूल कर सीट दे दी जिसकी रसीद और टिकट की फोटो खींच कर दिया गया है।

अन्य डिब्बे में यात्रा करने वाले यात्री अवशेष यादव ने फोटो खींचकर भेजा और बताया कि यह टिकट निरीक्षक सबसे ज्यादा कमाई कर रहा है और दंड की रसीद भी दे रहा है। सरकार और रेल मंत्रालय लाख दावा कर ले कि भ्रष्टाचार खत्म हो रहा है पर यह तस्वीर और नियमों के विरूद्ध काम खुद-ब-खुद सूरते हाल बयां कर रहे है और धड़ल्ले से बहुत बड़ा नेक्सस काम कर रहा है जिसमें बड़े अधिकारियों, एंटी करप्शन ब्यूरो से लेकर सभी की मिलीभगत है।

क्या हमार पूर्वांचल के इस न्यूज और दिए सबूतों पर गौर करते हुए रेल मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा वांछित कदम उठाया जायेगा?  यह देखने की बात होगी।

सरकार और रेल मंत्रालय को सुझाव है कि दक्षिण की ओर जाने वाली ट्रेनों की भांति आरक्षित डिब्बों में उतने ही यात्री सफर करें, टिकट निरीक्षकों को यात्रियों से दंड वसूलने और सीट देने का अधिकार छीन लेना चाहिए उन्हें मात्र टिकट निरीक्षण करने देना चाहिए जो यात्री अवैध टिकट या साधारण टिकट लेकर यात्रा करते हैं उन्हें दंड लेकर वैध करने की बजाय तत्काल ट्रेन से बाहर कर देना चाहिए साथ ही वेटिंग टिकट की सूची को ट्रेन में समय-समय पर डिजिटली अपडेट होना चाहिए। जिससे सीट वेटिंग टिकट के यात्री को मिल सकें।

ट्रैफिक पुलिस की तरह ही टिकट निरीक्षकों के पहने काले कोट पर लाइव्ह कैमरा लगाकर और डिजिटली इक्वीपड दंड वसूलने की मशीन दी जाये जिससे भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी सेवायें यात्रियों को मिल सकें।

Leave a Reply