दबंगों ने महिलाओ बच्चों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा
पीड़ित परिवार की गर्भवती महिला को पुलिस ने थाने में बैठाकर किया मानसिक उत्पीड़न
दबंगों को बचाने के लिए पुलिस ने पीड़ित पर ही दर्ज किया मुकदमा
भदोही । पुलिस से आम जनता न्यायोचित कार्रवाई और सुरक्षा की उम्मीद रखती है किंतु भदोही पुलिस अपने कारनामे से हमेशा दूसरी ही चर्चा में रहती है। दबंगों ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों पर प्राणघातक हमला किया। लाठी-डंडों से पीटा । सूचना के बावजूद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची । किंतु पीड़ित जब अपनी गुहार लेकर थाने पर गया तो पुलिस ने पीड़ितों का ही मानसिक उत्पीड़न किया । महिलाओं को थाने में घंटो बैठा कर रखा ॥ उनके साथ गाली गलौज किया । अब पीड़ित के परिजनों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से जान माल की रक्षा करने की गुहार लगाई है।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में पीड़ित के परिजन श्रीप्रकाश शुक्ल पुत्र श्री सूर्यनारायण शुक्ला ने गुहार लगाते हुए लिखा हैं कि पीड़ित ग्राम हरिहरपुर उर्फ शुकुलपुर थाना ज्ञानपुर जिला भदोही उ प्र का शांति प्रिय निवासी हैं और जीविकोपार्जन हेतु 3 भाई एक साथ मुम्बई में रहकर मजदूरी करता हूँ वर्तमान मुम्बई लाकडाउन में फसा हुआ हूँ।
मेरे गांव के पड़ोसी अखिलेश पुत्र जितनारायन ,आकाश व मनीष पुत्र विंध्यवासिनी शुक्ला ने व्यभिचार व लूटमार के उद्देश्य से घर में महिलाओं को अकेला देखकर घुसे थे ।
जब मेरे छोटे भाई की 8 महीने की गर्भवती पत्नी व बेटी ने शोरगुल किये तो मैं व मेरे बुजुर्ग माता -पिता भाग भागकर कर आये तो देखा उपकरोक्त तीनों छीना छपटी मारपीट कर रहे थे । तबतक गांव पढ़ाई कर रहे दोनों भाई भी शोरगुल सुनकर कर घर आये और मनीष को घर के अंदर ही बंद कर दिया और आकाश व अखिलेश मौके से फरार हो गए ।
इस घटना की सूचना तुरन्त फोन के माध्यम से ज्ञानपुर थाने के प्रभारी को भी दिए पुलिस के पहुचने पहले ही तीनों आरोपियों के घर वालों ने मनीष को छुड़ाने के लिए मेरे परिवार के ऊपर जनलेवा हमला कर दिए । जिसमे मेरे छोटे भाई वेदप्रकाश ,मेरी छोटी बहन राधा शुक्ला को मारपीट कर लहूलुहान कर दिए थे मुझे व मेरे छोटे भाई गर्भवती पत्नी व 1 साल के मासूम बच्चे को भी मारपीटा और जिसके बाद आरोपियों ने अपने मनीष को घर के अंदर से छुड़ाकर ले गए ।
सूचना के 1 घण्टे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मेरे भाई वेदप्रकाश शुक्ल ,बहन राधा व छोटे भाई की 8 माह से गर्भवती पत्नी को अपने साथ थाने ले गयी और मेरे परिवार के अन्य सदस्य को भी थाने आने का आदेश देकर चले गए ।
मेरे दूसरा भाई राजेन्द्र ने मोटर साइकिल से मबुजुर्ग पिता जी को बैठाकर थाने जाने लगे तो आरोपियों ने दुबारा जनलेवा हमला करके राजेन्द्र को भी लहूलुहान कर दिया ।
ज्ञानपुर थाना के प्रशासन द्वारा आरोपियों के बचाव सुलह कराने हेतु गैर कनूनी तरीके से सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक मेरे 8 महीने के गर्भवती बहु व बेटी मेरे परिवार के सभी सदस्य को थाना के अंदर ही बैठाया गया था उसके बाद बगैर मुकदमा पंजीकृत किये ही थाना प्रभारी प्राइवेट ऑटो बुलाकर सभी घर ले गए और ऑटो किराया के नाम 500 रुपये लिए ।
रात 10 बजे घर पहुंचा डरा धमकाकर दो पुलिस बैठाकर वापस आये गए ।
दूसरे दिन तक थाना प्रभारी जी ने सुलह का दबाव बनाते हुए घर के महिला को गन्दी गन्दी गालियाँ दे रहे थे सुलह न करने आरोपीयो के बचाव में ज्ञानपुर थाना प्रभारी जी ने मामले जमीनी विवाद व द्विपक्षीय मामले बताते हुए पीड़ित के विरुद्ध ही मुकदमा दर्ज कर दिए ।
पीड़ित ने मामले को संज्ञान में लेकर उच्च अधिकारियों से जांच उपरांत दोषियों पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की हैं ।