उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में मामूली सी झड़प के बाद र दलित और ठाकुर आमने-सामने हो गए। दलितों ने ग्राम प्रधान के दो बेटों और भाइयों को हमला कर घायल कर दिया। फिर उनके कटरे पर चढ़ कर पथराव और फायरिंग की। इसके अलावा पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह तथा यूपी-100 की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। एहतियात के तौर पर पुलिस व पीएसी के जवान तैनात हैं। बवाल की शुरुआत मंगलवार को देर रात हुई।
बताया जाता है कि रेवतीपुर थाना क्षेत्र के नवली गांव के कपड़ा व्यवसायी अख्तर की दोपहर में ट्रक से भिड़ंत में मौत हो गई थी। ग्राम प्रधान लालबहादुर सिंह ने अपनी पिकअप से लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भिजवाया। वापस आने पर पिकअप की सफाई के लिए दलित बस्ती में रहने वाले चालक को फोन किया, लेकिन फोन स्विच ऑफ होने के कारण अपने बेटे प्रदीप को उसके घर भेजा।
वहां जाने पर प्रदीप की दलितों से कहासुनी होने लगी। इसे लेकर प्रदीप पर कुछ मनबढ दलितों ने हमला बोल दिया, जिससे लहूलुहान प्रदीप घर लौटा। तब उसका भाई हलचल, चाचा रमाशंकर व अशोक शिकायत लेकर दलित बस्ती गए। जहां दलित युवकों ने उन्हें भी मारना-पीटना शुरू कर दिया। किसी तरह वह सभी वहां से बचकर अपने कटरे पर आए। दलित ग्राम प्रधान के कटरे के पास पहुंच कर पथराव करने लगे। साथ ही फायरिंग भी की। आसपास की गुमटियों को तोड़-फोड़ कर पलट दिया। सूचना पर पहुंची यूपी-100 की टीम की गाड़ियों के शीशे भी दलितों ने तोड़ दिए। वहीं मृतक के घर पहुंचे पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह की गाड़ी के भी शीशे तोड़ दिए।