केन्द्र सरकार के आह्वान पर जारी निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी अमेन्डमेन्ट 2020 के विरोध में बिजली कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकाल के लिए घोषित हड़ताल के दूसरे दिन पूरा जौनपुर जनपद अंधेरे में डूबा हुआ है। पुर्वांचल विद्युत कर्मचारियों द्वारा घोषित हड़ताल को बेअसर करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई सारी योजनाएँ विफल रही।
जौनपुर ही नहीं बल्कि सारे पुर्वांचल वासी अंधेरे में डूब गये हैं। सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी बिजली पानी के अभाव में घोर संकट का सामना करना पड़ा। लोगों की मोबाइल तक बंद होने से संपर्क करना मुश्किल हो गया है।बिजली से संबंधित सारे उद्योग पूरी तरह से ठप रहे। छात्र-छात्राओं को विशेष कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को अत्याधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।जौनपूर शहर में तो रास्ते पर चल रहे यात्रियों को बहुत कठिनाई से गुजरना पड़ रहा है। रात्रि में चमचमाता शहर अंधेरे में डूबा हुआ है। यह नजारा बिलकुल आदिम समय की याद दिला रहा है।