Home मन की बात “बेटियां” – मन की बात पवन कुमार के साथ

“बेटियां” – मन की बात पवन कुमार के साथ

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बेटी जो एक नारी, एक औरत, एक माँ, एक बहन और न जानें कितने रूप, ममता और प्यार का जीता जागता प्रतिक।

वह समाज और वह देश हमेशा तरक्की करता है, जहाँ बेटियों को बराबरी का हक और शिक्षा मिलती है | हर बेटी जब शिक्षित होगी, तभी ये धरती जन्नत होगी। इसलिए बेटी को बेटो से कम न समझे और तब तो बिलकुल भी नहीं जब शिक्षा और सुविधाओं की बात हो क्योंकि बेटी में इतने गुण होते है कि वह सबका मन आकर्षित कर सकती है | बेटी घर, समाज तथा दुनिया में सहनशील एवं सद्गुणों का भंडार है और जो हीरे – मोती से भी अधिक मूल्यवान है | उत्तर प्रदेश के देवरिया और बिहार के मुजफ्फरनगर नगर की घटना ने पूरे देश को कलंकित कर रहा है। ऊपर से राजनीति का परिवेश अपनी बयान बाजी से समाज को और दूषित कर रहा है । राजनीति की दिशा न जाने क्यों ऐसी घटनाओं के प्रति निष्ठुर हो जाती है। इस तरह की घटना को अंजाम देने वालो को कौन सह देता है? पता नही कैसे इनको राजनीति से उच्च कोटि की मदद मिल जाती है। आखिर ऐसे लोगो को राजनेता क्यों सपोर्ट करते है ?

समाज मे महिलाओ का बहुत बड़ा किरदार होता है फिर भी आज उन्हें ही क्यों लक्ष्य बनाया जाता हैं। घर के जिम्मेदारी से लेकर बाहर तक कि जिम्मेदारी को महिलाये बखूबी निर्वहन करती है फिर भी आज 21वी सदी का पुरुष महिलाओ को उनके हक से क्यों वंचित कर रहा है ।

भारतीय महिलाओ की प्रतिभा का इतिहास बहुत ही पुराना है चाहे वो गार्गी याज्ञवल्क्य का संवाद हो या सती सावित्री और यमराज की जिद हो। आज जरूरत है की महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार करने वालो को कड़ी से कड़ी सजा मिले, परंतु हमारे समाज का देश का दुर्भाग्य ही है कि यहा कि राजनीति जाति वाद और आरक्षण की राजनीति करती है । दुर्भाग्य है देश का की इतनी बड़ी बड़ी अपराध महिलाओ के साथ होते है फिर भी महिलाओ के अपराधियों को राजनीतिक सह प्राप्त हो जाता है।

अब समय आ गया है और हमारे समाज को राजनीतिक लोगो को युवावों को इसके लिए आवाज उठाने की आवश्यकता है क्योंकि बेटी की अपनी भी कुछ आकांक्षाए है, कुछ उम्मीदे है जो केवल इसलिए पूरी नहीं हो पाती क्योंकि बेटी को जन्म लेने से पहले ही ख़त्म हो जाती है। जबकि समाज में रह रहे हर जन का कर्तव्य होता है कि लक्ष्मी स्वरुप बेटी का स्वागत करे तथा उसे शिक्षित कर इस योग्य बनाये कि वह देश व समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके।

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