Home भदोही राष्ट्रभक्ति से मौत भी विचलित नहीं कर सकती: डॉ. संतोष उमर

राष्ट्रभक्ति से मौत भी विचलित नहीं कर सकती: डॉ. संतोष उमर

सुरियावां। आतंकी हमला, एअर स्ट्राइक और तनाव भरे माहौल को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच जारी सियासी वार प्रतिवार सामान्य जनता के बीच अपना जो भी असर डाले। किन्तु फौज से जुड़े लोगों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें कौन क्या कह और सोच रहा है उससे नहीं बल्कि राष्ट्र सुरक्षा के प्रति अपने दायित्वों की ही चिंता रहती है। राष्ट्रभक्ति भी ऐसी कि मौत भी विचलित नहीं कर पाती।

यह कहना है एअरफोर्स के पूर्व चिकित्साधिकारी एवं सुरियावां की संजीवनी हास्पिटल के निदेशक डा. संतोष कुमार उमर का। चर्चा के दौरान डाॅ. उमर ने कहा कि एक फौजी के लिये उसका दायित्व और राष्ट्रभक्ति ही सबकुछ होती है। उनके पौरूष, साहस और समर्पण पर संदेह नहीं किया जा सकता। सेना के लिये उनके प्राणों से अधिक प्रिय राष्ट्र सीमा की सुरक्षा है। वह यह नहीं सोचता कि वह कारगिल अथवा लद्दाख के बर्फीले तुफानों में है अथवा सागर की अनंत गहराई में। वह यह भी परवाह नहीं करता कि सामने तोप के गोले फूट रहे हैं अथवा उपर से मिसाइल हमला हो रहा है। हर परिस्थितियों में उसका ध्यान सिर्फ सीमा सुरक्ष और राष्ट्रभक्ति पर टिका रहता है। एक सवाल के जवाब में डाॅ. उमर ने कहा कि उसके विषय में लोग क्या कहते हैं अथवा सोचते हैं। वह उसपर भी ध्यान नहीं देता। हालांकि सेना को मोहरा बनाकर पक्ष प्रतिपक्ष द्वारा सियासत पर उन्होंने चिंता जतायी। कहा कि इससे फौजियों को तो नहीं किन्तु उनके परिजनों को अवश्य ही मानसिक आघात पहुंचता है। उन्होंने सियासतदाताओं से सेना की आड़ में सियासत करने से बचने का सुझाव दिया।

गौरतलब हो कि पुलवामा हमले के बाद जब एअरफोर्स ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक किया तो इस पर राजनीति शुरू हो गयी और विपक्षी दलों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने लगे और सबूत मांगने लगे। जबकि सर्जिकल स्ट्राइक की बात पाकिस्तान खुद कबूल चुका है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, नवजोत सिंह सिद्धू, ममता बनर्जी सहित कई लोगों ने सवाल खड़े कर दिये वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह दो कदम आगे बढ़कर पुलवामा हमले को दुर्घटना करार दे दिया।

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