भदोही : जिले के सुरियावां थाना क्षेत्र के अबरना निवासी राजेश धर्मध्वजा उपाध्यक्ष की पुत्री सपना की ससुराल वालों द्वारा दहेज़ के लिए जलाकर मार दिए जाने के मामले में रायबरेली की ऊंचाहार पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी, जिससे मृतका के पिता का भरोसा ही उत्तर प्रदेश पुलिस से उठता जा रहा है। जबकि न्याय की गुहार लगाते हुए मृतका के पिता ने मामले की विवेचना कर रहे ऊंचाहार के पुलिस उपाधीक्षक समेत रायबरेली के पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है और यूपी के पुलिस महानिदेशक व महिला आयोग को भी लिखित रूप से अवगत कराया है।
दहेज़ की बलि बेदी पर चढ़ी सपना के पिता राजेश उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी 06 मई 2017 को भदोही जिले के ही ग्राम ऊधोपुर (पाली गोदाम, तहसील ज्ञानपुर) निवासी दिनेश पाठक के बेटे योगेश उर्फ़ दुर्गेश (जो वर्तमान में रायबरेली जिले की ऊंचाहार कोतवाली स्थित फ़रसीपुर, पतौना गांव में रहता है) के साथ किया था। शादी में अपनी सामर्थ्य के अनुसार राजेश उपाध्याय ने बेटी की विदाई में घरेलू समान टीवी, फ्रीज, आलमारी आदि के साथ ही सोने की चेन, झुमका, अंगूठी और नथिया आदि आभूषण भी दिए थे। शादी के बाद दामाद योगेश पाठक ह्त्या के एक मामले में जेल चले गए और उसके बाद से ही बेटी को ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया जाने लगा।
इस दौरान मृतका के ससुर दिनेश शिवपूजन पाठक की उस पर बुरी नजर रहा करती थी और कई बार उसने छेड़खानी भी की थी। इस बीच परिवार के अन्य सदस्य भी सपना को प्रताड़ित करते रहे। हद तो तब हो गयी, जब ससुराल के लोगों ने सपना से कहा कि वह अपने पिता से तुरंत 50 हजार रुपया मंगवाकर दे। जब उसने मायके से पैसा मंगवाने के लिए इंकार कर दिया, तो उसके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया गया। ससुर दिनेश पाठक शराब पीकर आये दिन सपना के साथ अभद्र व्यवहार करता और बात-बात पर उसकी पिटाई शुरू कर देता। परिवार के अन्य लोग उसको इस बात के लिए मना करते थे कि ये सब बातें वो अपने मायके वालों को न बताये।
इसी बीच 9 सितंबर 2018 को सुबह 10 बजे पाठक परिवार द्वारा सपना के मायके वालों को बताया गया कि अचानक सपना ने घर की छत पर आग लगा कर आत्महत्या कर ली है।जब परिजन ऊंचाहार के फरसीपुर गांव पहुंचे, तो सपना का शव ऊंचाहार कोतवाली में रखा हुआ था। शव का पोस्टमार्टम कराया गया और मृतका के परिजनों ने ससुर दिनेश पाठक, सास कृष्णा पाठक, ननद नेहा और निकिता के खिलाफ दहेज़ न मिलने पर अपनी बेटी को मार डालने का आरोप लगाते हुए मुकदमा पंजीकृत करा दिया था।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 498 ए, 304 बी, 201 समेत दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 3 और 4 के तहत मामला पंजीकृत करके जांच का दायित्व पुलिस उपाधीक्षक ऊंचाहार को दे दिया, लेकिन 4 महीना बीत जाने के बाद भी न तो सीओ ऊंचाहार ने कोई जांच रिपोर्ट सौंपी और न ही किसी भी अभियुक्त की गिरफ्तारी हो सकी। इससे मृतका के परिजन तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के यहां गुहार लगाकर थक गए हैं और उनका पुलिस पर से ऐतबार ही उठता जा रहा है।
मृतका के परिजनों ने पुलिस के वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारियों और मीडिया से निवेदन किया है कि वे इस मामले में उन्हें न्याय दिलाने में सहयोग प्रदान करें।