सुरत। प्रबोधनी एकादशी के शुभ अवसर पर गुजरात प्रदेश की पुण्य पावन भूमि (जिसका वर्णन महाभारत काल में किया गया है) सुरत के भेस्तान में समाज की सुख, समृद्धि और शौहार्द के लिए रामेश्वरम महादेव मन्दिर पर “भारतीय सेवा समिति” के तत्वावधान में भव्य दीपदान का आयोजन किया गया।
एकादशी को “देव दिवाली” और “तुलसी विवाह” के रूप में भी मनाया जाता है।
इस दीपदान का आयोजन “भारतीय सेवा समिति” की तरफ से मन्दिर के पण्डित “श्री भोले नाथ महाराज” के दिशा निर्देशन में किया गया। दीपदान के माध्यम से समिति के द्वारा भाई चारे और आपसी सौहार्द का संदेश दिया गया।
दीपदान के पश्चात् श्री भोले नाथ महाराज ने एकादशी के महात्म को बताते हुए बताया कि “प्रबोधनी एकादशी सभी एकादशी व्रतों में श्रेष्ठ है। एकादशी के दिन दीपदान से तात्पर्य यह है कि ग्यारहवां रूप आत्मा का है, आत्मा में दीप प्रज्वलित हो और अज्ञानता का विनाश हो।” समिति के संस्थापक प्रमोद पाठक और अध्यक्ष हितेश पाण्डेय ने बताया कि “इस दीपदान के माध्यम से हम सुप्रिम कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं। और सभी से भाई चारे और शौहार्द को बनाए रखने कि अपील करते हैं।
दीपदान में विशेष सहयोग रहा बजरंग सेना प्रमुख (भेस्तान आवास) हरिहर कुमार उर्फ लालू भाई, मन्दिर के महंथ आनन्द जी महाराज, भारतीय सेवा समिति से संतोष महाजन, बीरू पाठक, अरविंद भाई, सोनू, पाण्डेय जी (डिंडोली वाले) और SMC आवास के सभी निवासी। सभी लोगों ने मिलजुल कर दीपदान किया और आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखने की अपील की।