सागरवत् गंभीर, आकाशवत् विशाल, दिशावत् विस्तीर्ण , एवं गंगावत् पवित्र विहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मा: कर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पस्ट विचार, अदम्य इच्छाशक्ति, बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी। विराट व्यक्तित्व, कर्मयोगी कर्पूरी ठाकुर के समर्पित त्यागमय, समाजोपयोगी प्रेरणाप्रद जीवन का दिग्दर्शन ग्रंथ जैसे महापुरुष को परणोपरांत भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करने की मांग जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति (रजि.) संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ठाकुर ने भारत सरकार से करते हैं और करते आ रहें हैं।
स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, महान राजनितिक तथा विहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। सरल और सरस ह्दय के राजनेता एवं सामाजिक रूप से पिछडी जाति के महान लक्ष को चरितार्थ करती नाई जाति में जन्म लेने वाले इस महानायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करने की मांग करता हूँ।
कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी, ओजस्वी वक्ता, क्रांतिकारी विचार से यह कहना कि ”हमारे देश की आबादी इतनी अधिक है कि केवल थूक फेंक देने से अंग्रेजी राज बह जाएगा” संसद का विशेषाधिकार कायम रहे, अक्षण रहे बढते रहे, परंतु जनता के अधिकार भी कर्पूरी ठाकुर का चिर परिचित नारा था ” हक चाहो तो लडना सिखो, कदम कदम पर अडना सिखो जीना है तो मरना सिखो ” ऐसे महान कर्मवीर को राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री से भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करने की मांग जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति रजि सामाजिक संगठन के मार्फत करते हैं.
जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति रजि सामाजिक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ठाकुर समस्त दलित पिछडे मजलूम शोषित वर्गो से अपील करते हैं कि अब समय आ गया है कि अपने इस महानायक, जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करने के लिए भारत सरकार के समक्ष यह नारा दो कि ” कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न समंमान नहीं तो दिल्ली में किसी की सरकार नहीं ” जो कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की बात करेगा उसी को दलित पिछडे वर्ग वोट करेगा ” कर्पूरी ठाकुर का सम्मान हर दलित पिछडा वर्ग का सम्मान है।