भदोही जनपद के गोपीगंज कोतवाली में हुई फरियादी की मौत के मामले में भदोही सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त का चुप रहना अब चर्चा का कारण बनता जा रहा है। घटना के चार दिन बाद भी सांसद की चुप्पी को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है।
बता दें कि गोपीगंज कोतवाली में फरियादी रामजी मिश्रा की मौत के बाद मृतक के घर पर सियासत बाजों को जमावड़ा शुरू हो गया है। ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा द्वारा जहां परिवार को साढ़े चार लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की गयी वहीं कई लोगों ने सहायता देने की घोषण की। साथ ही विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को नहीं छोड़ा और मौके पर पहुचकर अपनी सियासत को गरम करने में लग गये, लेकिन भदोही के सबसे प्रमुख जनप्रतिनिधि भदोही के सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त अभी तक इस मामले में चुप्पी साधे हुये हैं।
एक तरफ मृतक के घर भदोही के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का न जाना चर्चा का विषय बन रहा है तो दूसरी तरफ सांसद की चुप्पी भी लोगों के अंदर सवाल खड़ा कर रही है। लोगों का कहना है कि भदोही के सांसद को पीड़ित के घर जाकर सांत्वना देने के साथ पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की कोशिस करनी चाहिये थी लेकिन अभी तक मौके पर न तो सांसद पहुंचे और न ही उनका कोई प्रतिनिधि पहुंच पाया है।
पूरे भदोई का भार सांसद जी पर है अब क्या करे समय नही मिलता होगा उनको और उनके जनप्रतिनिधियों को !
शर्म की बात है इतना बड़ा कांड हो गया लेकिन सांसद जी के कानों पर ज़ू तक नही रेंगा !