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जौनपुर में मच्छरों के प्रकोप से फैल रही बीमारियां, सो रहा स्वास्थ्य विभाग, डेंगू फैलने का खतरा

स्वास्थ विभाग की लापरवाहियों का नतीजा है कि जौनपुर में मच्छरों का प्रकोप फैलता जा रहा है जिसके कारण जहां संक्रमित बीमारियों से लोग परेशान हैं वहीं डेंगू फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है।

वैसे तो बारिश के दिनों में सफाई व्यवस्था की पोल खुल जाती है, किंतु यह व्यवस्था इस समय ग्रामीण इलाके में बद से बदतर स्थिति में है। विभाग की लापरवाही के कारण गांवों में इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नतीजन जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया हैं, क्योंकि हाल में ही क्षेत्रीय विधायक के निर्देश के बाद भी गांवों में इससे निबटने की दिशा में धरातल पर कोई काम नहीं हुआ दिख रहा हैं। इससे अब तो यह कहना गलत नहीं होगा कि गांवों में दवाओं का छिड़काव बीते जमाने की बात हो चुकी है।

सूबे में केंद्र व राज्य की सरकार गांवों को स्वच्छ व स्वस्थ रखने के लिए अत्यधिक जोर दे रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इनसे काम लेने के नियम भी बनाया गया है तथा ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन इसका असर मडियॉहूं में नहीं दिख रहा है। क्षेत्र के लगभग एक तिहाई से ज्यादा गांवों में गंदगी के कारण दिक्कतें दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। जल निकासी, सफाई और रोगों से बचाव के लिए दवाओं के छिड़काव कराने की भी जिम्मेदारी भी तय की गई है।

साथ ही साथ इसके लिए बकायदा ग्राम स्वच्छता समिति तक का गठन किया गया है। इसमें प्रधान को अध्यक्ष तो एएनएम को उपाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि इस समिति में कई सदस्य भी बनाए गए हैं। इन्हें स्वच्छता से संबंधित कार्य के लिए हर वर्ष दस हजार रुपये का बजट भी दिया जा रहा है परंतु यह कार्य केवल कागजों ,फाईलो तक ही सीमित होकर रह गया है। नतीजन जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एएनएम को गांवों के कुओं , हैंडपम्पो में डालने के लिए उपलब्ध कराई गई दवाओं का भी न डालने के आरोप लग रहे हैं।

इधर बरसात के मौसम में जल भराव, खुले में शौच, कीचड़ युक्त गंदे रास्ते आदि के चलते डायरिया, फ्लू, वायरल फीवर, डेंगू, चिकन पाक्स के साथ ही अन्य मक्खी-मच्छर जनित बीमारियों की सैलाब आ जाती है। पहले गांवों में दवाओं का छिड़काव, दवा आदि का वितरण नियमित किया जाता रहा, लेकिन अब यह सारे रोग फैलने से पूर्व किए जाने वाले उपाय बीते जमाने की बात हो गई है।

अपने आस – पास, साफ -सफाई का ध्यान न रखने से पानी प्रदूषित होता है। प्रदूषित पानी यानी जिसमें गंदगी की वजह से सूक्ष्म जीव पैदा होने लगते हैं। बीमारियों और खराब स्वास्थ्य का सीधा संबंध गंदे पानी, सफाई अभाव से है। गंदे पानी और गंदगी से डायरिया, टाइफाइड, पाराटाइफाइड, बुखार, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस ई और एफ, फ्लूरोसिस, आर्सेनिक जनित बीमारी जैसी बीमारियां होती हैं। इतना ही नहीं लेजिनोलिसिस, मेथमोग्लोनीमोमिया,स टोसोमिएस, आंत का संक्रमण, डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफ्लाइटिस, वेस्टनील वायरस संक्रमण, येलो फीवर और इम्पेटिगो यानी त्वचा से संबंधित बीमारी भी हो सकती है।

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