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व्यंग बाण … डॉक्टर… झोलाछाप डॉक्टर

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साभार गूगल
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“यम” भगवान के अवतार “झोलाछाप डॉक्टर”

सच में डाक्टर “यम” भगवान, बुखार चढ़ा था जब परवान।
हीत मीत सब ले दे कर के, पहुंच गए मंदिर भगवान।
पहुंच गए मंदिर भगवान, जहां था डाक्टर एक शैतान।
ब्लड सूगर कछु चेकई नहीं था, बोतल सीधा दिया है तान।

कछुक मिनट बीते नहीं, कि अंदर हुआ उबाल।
“यम” भगवान लगे हैं दिखने, खड़ा हुआ सवाल।
खड़ा हुआ सवाल बुलाओ, डाक्टर को।
देख हमारी हालत डाक्टर, निकल लिए हैं घर को।

नौ ग्यार के स्कूली बच्चे, बन कंपाउंडर बैठे हैं।
बेड पर उछल कूद मैं करता, हाथ पैर सब ऐंठे हैं।
बच के रहना इन सब से भई, बने अंगुठा छाप हैं सब।
जगह जगह हैं पैसा बांटे, खुद बन बैठे साब हैं सब।

इन सब से सब बचके रहियो, इनका नहीं भरोसा है।
कुछ दिन पहले मित्र को मेरे, मौत ही परोसा है।
मौत ही परोसा है, पर मित्र है ऐसी चीज।
खेलत खात हैं मिल रहें, मौत से गए हैं जीत।।

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