मुंबई। पंचायत राज तभी सार्थक और प्रभावशाली बनेगा जब इसकी कमान सही व्यक्तियों के हाथों में हो। देखा जाए तो बहुत सारे ऐसे गांव आज भी केंद्रीय और राज्य योजनाओं से वंचित पड़े हैं। योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक नहीं पहुंच पा रहा है। गांव का प्रथम नागरिक प्रधान अपना बैंक भंडार बढ़ाने में लगा है। मनरेगा में फर्जी खातों की संख्या अभी भी बढ़ रही है। ऐसे में पंचायत राज का सपना अधूरा नजर आ रहा है। पूर्वांचल विकास परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ दृगेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पंचायत राज्य को प्रभावशाली और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में एक सुझाव भेजा है।
डॉ दृगेश यादव के अनुसार मीरा भाईंदर महानगरपालिका की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के गांवों में एक साथ चार प्रधान निर्वाचित करने की योजना बनाई जानी चाहिए। भले ही इसके लिए दो- तीन गांवों को एक साथ मिलाकर एक ग्राम पंचायत बनाई जाए। चार प्रधानों में हर वर्ग के लिए कोटा सुनिश्चित किया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो ना सिर्फ गांव में होने वाली आपसी टकराहट तथा तनाव दूर होंगे अपितु भ्रष्टाचार पर भी प्रभावी लगाम लगाने में आसानी होगी। ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति ,अन्य पिछड़ी जाति तथा सामान्य जाति के प्रधान होंगे। इससे गांव का आपसी सौहार्द्र तथा भाईचारा भी बना रहेगा ।साथ ही एक व्यक्ति के हाथ में संपूर्ण अधिकार ना होने से भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।