मुंबई : राष्ट्रीय साहित्यिक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन की ७२ वीं काव्यगोष्ठी में डॉ रामनाथ राना की पुस्तक ”राना काव्य तरंग” का विमोचन पूर्व मनपा उपायुक्त ”जल विभाग” प्रकाश सांगलीकर जी के कर कमलों द्वारा सम्पन्न। इस आयोजन में विशिष्ठ अतिथि बाबू शिवजी सिंह,कृपाशंकर पाण्डेय,अशोक मौर्य,सरस पाण्डेय,त्रिलोचन सिंह अरोरा,एन बी सिंह नादान,मुर्धन्य पुर्वांचली,लक्ष्मण दूबे,शमीम अब्बास,संगीता अमलाड़ी,उपस्थित होकर आयोजन की शोभा बढ़ाये।
आयोजन की अध्यक्षता हौसिला अन्वेषी जी ने की और संचालन लोकनाथ तिवारी अनगढ़ जी किये।कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर डॉ वर्षा सिंह द्वारा प्रस्तुत शारदा वंदना से हुआ ।
प्रथम सत्र में महानगर व आसपास के कवियों ने समा बाँध दिया सारा समय श्रोताओं की तालियों से गुंजायमान रहा।कवियों में शिवप्रकाश जौनपुरी, एन बीसिंह नादान, त्रिलोचन सिंह अरोरा, सरस पाण्डेय, संगीता अमलाड़ी, मुर्धन्य पुर्वांचली, धनंजय कुमार, अवधेश यादव, विजेंद्र वाजपेयी, आनंद मिश्र, मंगेश प्रताप माही, अमित कुमार दुबे, डॉ रामनाथ राना, विनम्र सिंह,सुर्यकांत शुक्ल,श्रीधर मिश्र,अवधेश विश्वकर्मा नमन, रामजी कनौजिया, बी एल शर्मा कुँवारा, डॉ वर्षा सिंह, डॉ श्रीहरि वाणी, विजय कुमार अग्रवाल, एड.राजीव मिश्र, लक्षमण दूबे, शमीम अब्बास, हौंसिला अन्वेषी, श्रीराम शर्मा, रमेश श्रीवास्तव, कुलदीप सिंह दीप, इंदु मिश्रा सुमन तिवारी, नीलम तिवारी, आरती सइया, जाकिर हुसैन रहबर, दिनेश वैसवारी, आनंद पाण्डेय केवल ने अपनी नव रस से परिपूर्ण रचनायें सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया।
दुसरे सत्र में पुस्तक विमोचन व परिचर्चा हुई। प्रकाश सांगलीकर जी हौंसिला अन्वेषी जी व बाबू शिवजी सिंह जी ने पुस्तक वर प्रकाश डालते हुए डॉ रामनाथ रानाजी को साधुवाद दिया।आयोजन में पधारे हुए अतिथियों का शाल श्रीफल ”राना काव्य तरंग”पुस्तक पुष्पगुच्छ प्रदानकर काव्यसृजन के पदाधिकारियों व राना परिवार द्वारा सम्मान किया गया। अंत में डॉ रामनाराना ने सभी श्रोताओं कवियों अतिथियों का आभार प्रकट किया।