कल्याण:पूर्व क्षेत्र के कैलाशनगर नाका से लेकर हनुमान मंदिर के तरफ रवि होटेल के आगे तक का दोपहर 3 बजे का वह दृश्य जिस सङक पर पानी पुरवठा विभाग के चार अधिकारीयो सहित महिला पुलिस के साथ पुलिसकर्मी भी गश्त लगाते हुए उनके घरो से वाटर पम्प उठा रहे थे, जो लोग अपने घरो मे इन पम्पो के सहारे ही पानी खींच अपनी घर परिवारो की प्यास बुझाते रहे है। गौरतलब हो कि इस क्षेत्र में पानी के दबाव में कमी की वजह से लोग वाटर पम्पो के जरिए ही अपने घरो में जल संचय कर रोजमर्रा का काम करते थे, परंतु 5 अक्टूबर पानी पुरवठा विभाग के तरफ से अचानक ऐसे कदम उठाने पर इस क्षेत्र में हङकम्प मच गया।
बतातें चलें कि उक्त सङक पर भारी गहमागहमी देख हमारे समाचार प्रतिनिधि ने जब संबंधित अधिकारी सोनवणे से इस विषय पर जानकारी मांगी तो उनका कहना था कि हम बाल्टी या ड्रम मे भरे हुए अथवा स्टोर किए हुए पानी को खींचने से मना नही कर रहे है बल्कि डाईरेक्टर पाईप लाईन से खींचने वाले मोटर पम्पो पर ही कार्रवाई कर रहे है। जबकि क्षेत्र के नागरिक यादव का कहना था कि कम दबाव के चलते बगैर पम्प के पानी मिलता ही नही, तभी अधिकारी का जबाव था कि यदि सभी लोग बगैर पम्प के पानी भरेगें तभी सबको मिल सकता है और यह कार्रवाई तकरीबन और पंन्द्रह दिनो तक भी चल सकती है।
ज्ञातव्य हो कि उपस्थिति जन समूहो की कुछ महिलाओ ने यह भी सवाल किया कि बगैर मोटर पम्प के हमें पानी मिल भी सकता है? क्योकि पानी के पाईपो द्वारा दबाव की कमी है, इन महिलाओ को जबाव देने के बजाय अधिकारीयो ने इस सवाल को हँसकर ही टाल दिया । इस बीच वार्ड क्रमांक 102 की महिला नगसेविका सारिका सतीश जाधव से इस विषय में क्षेत्र की समाजसेविका किरण सिंह एवं आशा ध्रुवंशी ने फोन पर इस हङकम्प के मामले से अवगत कराया तो उनका जबाव था कि इस विषय मे मुझे कोई जानकारी नही है।
अधिकारीगणो से जब बगैर नोटिस दिए मोटर जप्ती का सवाल किया गया तब उन सबका कहना था कि पानी के बिल के पीछे लिखा गया है कि डाईरेक्ट वाटर पम्प से पानी नही खींचा जा सकता। जबकि क्षेत्र के हजारो नागरिको का कहना था कि हमें यदि बगैर वाटर पम्प के ही पानी मिलता रहेगा तो हमें क्या गरज पङी है अत्यधिक बिजली का भुगतान करने की। बहरहाल हालात यह है कि इस बीच स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे कल्याणवासी अचानक संबंधित प्रशासन के इस रवैये से बूँद-बूँद पीने तक की पानी के लिए तरस जाए तो इसमें कोई आश्चर्य नही।