जौनपुर। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संदेश शायद तारगहना गांव के इस परिवार तक नहीं पहुंचा। इस परिवार की एक प्रसूता की कोख से चौथी बेटी के रूप में जन्मी नन्ही जान अपनी मां का भरपूर चेहरा तक देख नहीं पायी। इससे पहले ही बेटी पैदा होने की जानकारी होने पर मां ने सदमे से दम तोड़ दिया। घटना के बाद परिवार में वज्रपात सा हो गया। मामला खेतासराय क्षेत्र के तारगहना गांव का है।
बताया जाता है कि मंगलवार को उक्त गांव निवासी पप्पू सोनकर की पत्नी कबुतरी देबी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने जौनपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। इससे पहले महिला को तीन बेटियों के बाद एक बेटा पैदा हुआ था। बेटा पैदा होने पर परिजनों ने खूब खुशियां मनायी थी। लेकिन शायद ईश्वर को मंजूर नहीं था। साल भर बाद इकलौते बेटे की मौत हो गयी। बेटे की मौत से परिवार की खुशियां काफूर हो गयी। अब एक बेटी की शादी भी हो चुकी है। बेटे की मौत के साल भर बाद महिला की कोख में एक नन्हीं जान पनपने लगी।
परिवार को बड़ी उम्मीद थी कि इस बार बेटा पैदा होगा। लेकिन परिवार यह नहीं समझ पा रहा है कि बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं है। जौनपुर के एक निजी अस्पताल में प्रसूता ने फिर बेटी को जन्म दिया। बेटी पैदा होने की जानकारी जब उसे हुई तो प्रसूता सदमे से बेहोश हो गयी। हालत बिगड़ते देख डाक्टर ने किसी फिजीशियन क़ दिखाने की सलाह दी। परिजन इलाज के लिए वाराणसी ले जा रहे थे कि प्रसूता की रास्ते में मौत हो गयी।