एक कहावत है सिर मुड़ाते ही ओले पड़े और यहीं कहावत चरितार्थ हुई फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी के साथ। उन्होंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की बायोपिक बनाने की घोषणा क्या की बवाल हो गया। आखिर बवाल होता क्यों नहीं, जब पोस्टर ही विवादित है तो फिल्म कैसी होगी इसका अंदाजा लोगों ने लगा लिया। खैर फिल्म तो बनेगी नहीं क्योंकि निर्देशक ने फिल्म बनाने से ही इनकार कर दिया।
बता दें कि यूपी सीएम की कथित बायोपिक ‘जिला गोरखपुर’ को लेकर विवाद इसलिये शुरू हुआ कि इसके पोस्टर में जहां एक भगवा वस्त्र पहनते हुये शख्स की पीठ दिखा रही है, हाथ में पिस्तौल है और बगल में एक गाय का बछड़ा। जो बिल्कुल सीएम योगी की तरह दिख रहा है। शायद पोस्टर में जो शख्स दिखायी दे रहा है उसके हाथ में पिस्तौल का होना ही विवाद बन गया है। पोस्टर में जैसा देखा जा सकता है कि उगते हुए सूरज के सामने खड़े शख्स के आस पास गोरखपुर शहर का एरियल व्यू दिख रहा है।
विवाद खड़ा होने के बाद फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाना नहीं हैं न ही किसी प्रकार के गलत मैसेज देना। विनोद तिवारी ने और कहा की वो इस प्रोजेक्ट को बंद कर रहे है क्योंकि वो नहीं चाहते हैं कि समाज में इस फिल्म की बजह से कुछ परेशानी हो।
फिलहाल इस पोस्टर को लेकर भाजपा नेता आईपी सिंह ने रविवार को फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी के खिलाफ मॉब लिचिंग और भगवा आतंकवाद दिखाने का आरोप लगाते हुए एक केस दर्ज किया हैं। पुलिस इस आरोप पर जांच कर कर रहा हैं।
बता दें कि भाजपा नेता आईपी सिंह ने ट्वीटर के जरिये ये फिल्म रिलीज नहीं होने देने की चेतावनी दी थी। आईपी सिंह ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि ‘‘यह न सिर्फ @myogiadityanath जी की छवि को खंडित करने का, बल्कि पूरी हिन्दू सभ्यता और नाथ-सम्प्रदाय को कलंकित करने का भी प्रयास है, मैं निर्माताओं को खुली चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो यह फिल्म रिलीज़ कर के दिखाएं. सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसी नीचता बर्दाश्त नहीं की जाएगी’.
उन्होंने ट्विटर पर यह भी लिखा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए नाथ संप्रदाय और हिंदू सभ्यता पर हमला क़त्तई बर्दाश्त नहीं करूँगा, फ़िल्म ‘ज़िला गोरखपुर’ में माननीय @myogiadityanath की छवि को खंडित करने वाले आपत्तिजनक पोस्टर पर आप सभी के आदेश पर विभूतिखंड थाने में निर्माताओं के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करा दिया है।
भाजपा नेता आईपी सिंह ने फिल्म निर्माता विनोद तिवारी को तीसरा ट्वीट करके लिखा है ‘विनोद जी यह फिल्म तो रिलीज़ नहीं होने दी जाएगी, चंद पैसों के लिए एजेंडा चलाते-चलाते फिल्म निर्माता लिमिट क्रॉस कर जान-बूझकर समाज में उपद्रव फैलाने और लोगों का बांटने का काम कर रहे हैं, इस फिल्म के निर्माताओं को फंडिंग कहां से मिली, इसकी जांच कराई जाए.’उनका आरोप ये है कि फिल्म में यूपी के सीएम की गलत तस्वीर पेश की गई है।
बता दें कि मात्र 26 साल की उम्र में पहली बार संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ की कहानी दिलचस्प है। उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी जिले के छोटे से गांव पंचूर के राजपूत परिवार में जन्मे अजय सिंह बिष्ट ने मात्र 22 साल की उम्र में ही सांसारिक मोह माया त्याग कर संन्यासी का जीवन धारण कर लिया और अजय सिंह बिष्ट से नाम बदलकर योगी आदित्यनाथ कर लिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। गोरखपुर के गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर से यात्रा शुरू हुई। हिंदू युवा वाहिनी बनाई। संसद पहुंचे और आज देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।