मुंबई। महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री एड.आशिष शेलार ने इस सत्र से दसवीं में भाषा और समाजशास्त्र विषय में भी इंटरल मार्क देने की घोषणा करके छात्रों और पालकों का दिल जीत लिया है। वास्तव में पिछले वर्ष इन विषयों में इंटरल मार्क महाराष्ट्र बोर्ड ने हटा दिया था। जिसकी वजह से परीक्षा फल पर उसका परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। छात्रों का अंको का प्रतिशत तो घटा ही साथ ही फेल हुए छात्रों की संख्या भी बढ़ गई। यहां तक की छात्रों को ग्यारहवीं में प्रवेश लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि दूसरे बोर्ड के छात्रों के इंटरल मार्क की वजह से अंकों का प्रतिशत अधिक है।
आज के समय में शिक्षा मंत्री के, दूसरा निर्णय भी छात्रों की भलाई दर्शाता है। शिक्षा मंत्री के अनुसार जब कभी भी महाराष्ट्र में तेज बारिश, जल जमाव और बाढ़ जैसी आपात स्थिति आएगी तो ऐसी स्थिति में स्कूलों में छात्रों को छुट्टी देने का निर्णय जिलाधिकारी को लेने का अधिकार होगा और इसी दिन कोई परीक्षा होने वाली होगी तो उसकी पुनर्रपरीक्षा लेने का अधिकार संबंधित अधिकारी को होगा। अभी पिछले माह में ही 26-27 जुलाई को बदलापुर, कर्जत में भारी वर्षा के कारण कुछ छात्रों की परीक्षा छूट गई थी। इस कारण दसवीं विज्ञान भाग-2, इतिहास और राजनीति विज्ञान; बारहवीं के कुछ महत्वपूर्ण विषय जैसे समाजशास्त्र, बालविकास, सहकार, टंकलेखन, लघु लेखक की परीक्षा भी लेने का आदेश शिक्षा मंत्री ने दिया। जिसमें महाराष्ट्र बोर्ड के स्कूलों के साथ ही सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी स्कूल भी है। वास्तव में छात्र हित में लिए गए इस निर्णय की शिक्षा जगत के साथ ही सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।
वहीं पिछले सप्ताह में सहयाद्रि अतिथि गृह में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ.दयानंद तिवारी एवं संतोष पाण्डेय ने शिक्षा मंत्री से टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) हिंदी माध्यम में कराने की मांग की जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। वास्तव में यही मांग अक्टूबर २०१६ में शिक्षाविद् चंद्रवीर बंशीधर यादव ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े से की थी। लेकिन श्री यादव को सफलता नहीं मिली। खुशी की बात यह है कि यह जो निर्णय हो रहे है उससे संपूर्ण महाराष्ट्र में सभी सुकून महसूस कर रहे हैं। शिक्षकों पालकों और छात्रों के हित में लिए गए सभी निर्णय की प्रशंसा विगत दो दशक से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निस्वार्थ भाव से शिक्षा देकर उनका जीवन संवारने वाले शिक्षाविद् चंद्रवीर बंशीधर यादव ने की है। शिक्षा मंत्री के इस निर्णय पर श्री यादव के साथ ही शिक्षा जगत से जुड़े असंख्य लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शिक्षा मंत्री का अभिनंदन किया है। सभी का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने छात्रों, पालकों और शिक्षकों सभी का दिल जीत लिया है।