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शिकायत करने पर भी उच्चतम न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखाते हैं डायल 100 के पुलिसकर्मी

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न्यायालय के आदेश या सरकारी नियमों को पालन कराने के लिये आम जनता कितनी भी जागरूक हो जाये किन्तु प्रशासनिक स्तर पर नियम और कानूनों की धज्जियां उड़ा दी जाती हैं। जब आम आदमी जागरूकता दिखाकर अपनी शिकायत दर्ज कराता है तो उन शिकायतों पर कार्रवाई करने वाले खुद ही जज बनकर फैसला सुना देते हैं जिससे आम जनता गलत हरकतों को देखकर भी अनदेशा करने लगती है।

बता दें कि 19 जून को भदोही जिले के भदोही कोतवाली क्षेत्र के पिपरीस गांव में एक बारात आयी थी, जिसमें नाच का भी प्रोग्राम हो रहा था। नाच में लगाये गये लाउडस्पीकर की तेज आवाज में अश्लील संवाद और गाने बजाये जा रहे थे। लाउडस्पीकर की तेज आवाज दूर तक गूंज रही थी। रात करीब 12 बजे वरिष्ठ पत्रकार व ह्यूमन टुडे के संपादक हरीश सिंह ने ट्विटर पर ट्यूट किया ताकि इतनी रात को बुजुर्गो, बच्चों और महिलाओं को तेज आवाज से नींद में खलल न पड़े और बच्चियों महिलाओं अश्लील संवाद और गानों से शर्मिन्दगी न उठानी पड़े।

ट्विट करने के बाद यूपी पुलिस ने डायल 100 को कार्रवाई करने को बोला, इसके बाद भदोही की डायल 100 को निर्देशित किया गया। पुलिस वाले रात करीब मौके पर पहुंचे भी, जिसकी सूचना फोन नंबर 7311152297 द्वारा शिकायतकर्ता को दी। लेकिन थोड़ी देर बाद बोले ‘यह शादी विवाह का मौका है ऐसा तो होता ही र​हता है। ​परिणास्वरूप पूरी रात शोरगुल होता रहा और लोगों की नींद गायब रही।

सोचनीय बात है कि उच्च्तम न्यायालय ने रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने, या शोरगुल करने पर रोक लगायी है, जिसका पालन कराना स्थानीय प्रशासन और पुलिस का काम है। यदि पुलिस शिकायत करने पर यह जवाब देगी कि शादी विवाह, जलसा, जागरण आदि है तो ऐसे नियम और कानून बनाने की जरूरत क्या है। यदि डायल 100 का शिकायतों पर यहीं जवाब होगा तो कोई भी जागरूक व्यक्ति गलत कार्यों को होता देखकर भी अनदेखी करेगा।

देखिये ट्विटर से लिये गये स्क्रीन शाट

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