Home मुंबई मुंबई के करीब मशहूर साहित्य प्रेमियो एवं रचनाकारो की सजी महफिल 

मुंबई के करीब मशहूर साहित्य प्रेमियो एवं रचनाकारो की सजी महफिल 

ठाणे : मीरा रोड पूर्व में प्रेमांजलि साहित्य संस्था के तत्वावधान में लक्ष्मण दुबे के निवास स्थान के प्रांगण में गज़लकार रवि केडिया के सम्मान में भव्य कवि गोष्ठी का आयोजन 3 फरवरी को शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक किया गया था।
जिसमें देश का गौरव लिखूंगा मां मुझे वरदान दो (डा.वर्षा सिंह) के सरस्वती वंदना से आरंभ हुई जिसमें तकरीबन बीस से भी अधिक कविगणो और रचनाकारो ने काव्य पाठ किया।

बता दें कि इस आयोजन में मेरा पड़ोस बदल रहा है( सुमन उपाध्याय ), जिनको इल्म हो वे कम बोलते हैं।  (इस्तिकार इला )क्या लिखें इस ज़माने पर, (जीते राज ), देव तुल्य वे ह़ोते हैं जो देश पर मरते हैं ( वर्षा सिंह ), उसी की कलम से तो मेरी कलम में रोशनाई आई, ( रेहाना शेख ), सुंदर हो तुम कितनी सुंदर हो,(प्रीतम गुलराजानी ), न उसका दिल बदल पाए, न अपना दिल बदल पाए (हेमा अंजुलि ), मेरी कला कदापि न होगी क्षणभंगुर (मंजू गुलराजानी ), मुझ पर भी अब यादोंवाला मौसम आनेवाला है (अलका जैन शरीर), मैं दुनिया को आइना दिखाता हूं (राकेश शर्मा ), मैं अपनी मुकद्दर जानता हूं (गुलशन मदान ), स्वर्ग से सुंदर यह संसार हो (श्रीराम शर्मा ), इच्छाओं का दमन किया है, बहुत बडे़ पैमाने पर (लक्ष्मण दुबे) , यह रोग कब है तुम्हारे बस का, हटाओ छोडो़ ( शमीम अब्बास )बेमतलब मत खाना साथी ( हौशिला अन्वेषी ) अब उचित है घर में सूरज उगाना चाहिए (एन बी सिंह नादान )ले दिल तो मुहब्बत का मजा आएगा, दें दिल तो मुहब्बत का मजा आएगा ( अजी़म शायर जनाब इब्राहिम अश्क ) आदि रचनाकारो की कविताँए काफी तालियाँ बटोरी।

बतातें चलें कि इस कार्यक्रम के अध्यक्ष जनाब इब्राहिम अश्क जी की अध्यक्षता और संचालक नादान जी के संचालन में साहित्य रसिको को भरपूर प्रतिसाद मिला। अंततः लक्ष्मण दुबे जी ने सबको आभार प्रकट किए तत्पश्चात इस कार्यक्रम का समापण हुआ।

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