Home जौनपुर मवेशियों के आतंक से किसान परेशान,आखिर प्रशासन का ध्यान क्यों नहीं?

मवेशियों के आतंक से किसान परेशान,आखिर प्रशासन का ध्यान क्यों नहीं?

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हमार पूर्वांचल
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जौनपुर (उत्तर प्रदेश) : मवेशियों को स्वतंत्र रूप से घूमने-फिरने की जो आजादी प्रशासन ने दी है आखिर उनकी रहने की व्यवस्था क्यों नहीं हो रही है? मवेशियों को रखने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में “गौ-शाला” बनाने हेतु प्रशासन का वादा कहाँ गया? आज किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं पर प्रशासन का ध्यान क्यों नहीं जा रहा है? प्रशासन ने गौ-हत्या पर प्रतिबंध तो लगा दिया किन्तु किसान अत्यधिक जानवरों को रखने हेतु सक्षम नहीं हैं जो उनका भरण-पोषण कर सकें, क्योंकि जानवरों को खिलाने हेतु समुचित चारा उनके पास उपलब्ध नहीं है।
आज किसान खेतों में जो भी फसल लगा रहें हैं, बीज़ को अंकुरित होकर बाहर निकलते ही जानवर उन नन्हे अंकुरित होते पौधों को ही सपरचट्ट कर रहे हैं और खेतों में दौड़ कर फसलों को दबा-दबा कर चट्ट कर रहे हैं। ये छुटे हुए मवेशीे जौनपुर के मछलीशहर, सिकरारा, सिरकोनी, मल्हनी, मडियाहू, जलालपुर, शाहगंज सहित शहर के नजदीक फूलपुर, कुद्दूपुर, चांदपुर, जमालपुर, सैदनपुर, मदारपुर,कंधरपुर, कुवंरदा, मीरगंज जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पात मचाये हुए है किन्तु प्रशासन का ध्यान क्यों नहीं जा रहा है? ऐसा ही रहा तो किसान आने वाले दिनों में अन्न हेतु तरस जायेगें और परिवार चलाना दुर्लभ हो जायेगा। किसान परिश्रम करके चार पैसा इकट्ठा करता है फिर खेती करने में खर्च करता है ताकि उस उपज से परिवार का भरण-पोषण कर सके किन्तु छुटे हुए मवेशी उनके स्वप्नों पर पानी फेरने का कार्य कर रहे हैं।

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