भदोही। ज्ञानपुर तहसील परिसर में सोमवार को अधिवक्ता और लेखपालों में विवाद व मारपीट हुई और दोनों पक्ष के लोग चोटिल हुए। तहसील परिसर के अंदर हड़कंप मचा रहा। अधिवक्ता कोतवाली पहुंचकर लेखपालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोप लगाया कि एक मामले में लेखपाल द्वारा बयान दर्ज कराने के लिए सुविधा शुल्क की मांग की जा रही थी। जब इसका विरोध किया गया तो लेखपालों ने हमला बोल दिया। उधर देर रात लेखपाल भी तहसील परिसर में एकजुट होकर अधिवक्ता के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराई। और चोटिल लेखपालों को सोनभद्र मेडिकल के लिए रेफर किया गया।
अधिक्ताओं का कहना है कि सुरियावां थानाक्षेत्र के मऊरामशाला निवासी अधिवक्ता जयकांत तिवारी दोपहर बाद नामांतरण के एक वाद में बयान दर्ज कराने के लिए क्षेत्रीय लेखपाल रणजीत सिंह यादव के पास गए थे। लेखपाल द्वारा एक हजार रुपये सुविधा शुल्क की मांग की जा रही थी। उनका कहना था जब तक शुल्क नहीं देंगे तब तक बयान देने कोर्ट में नहीं जाएंगे। इसी बात को लेकर लेखपाल और अधिवक्ता में कहासुनी हो गई। जब तक अधिवक्ता समझ पाते कि लेखपाल रणजीत सिंह अपने दो अन्य साथी रंजीत आदि के साथ हमला बोल दिया। इस बीच परिसर में अफरा- तफरी मच गई। जब तक लोग बीच-बचाव करते तब तक लअधिवक्ं ने अधिवक्ताओं मारपीट कर घायल कर दिया। आक्रोशित अधिवक्ता कोतवाली पहुंचकर तीनों लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पूर्व महासचिव प्रमोद यादव ने ऐलान किया जब तक लेखपालों को गिरफ्तारी और निलंबन की कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। घायल का जिला अस्पताल में इलाज कराया गया इसके बाद चिकित्सकों ने उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया।
उधर लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष अवधेश तिवारी ने कहा कि अधिवक्ताओं आये दिन तीनों तहसीलों में गलत कागजात बनाने के लिए कहते है न करने पर मारपीट व गाली गलौज करते है। सोमवार को खसरा में गलत इन्द्राज के लिए दबाव बना रहे थे न करने पर विवाद करके अधिवक्ताओं ने लेखपालों को दौडादौडा कर पीटा और लामबंद होकर आये सरकारी अभिलेख फाडे, पैसा छीन लिए और जाति सूचक गाली दिये और फिर कोतवाली में जाकर लेखपालों के ऊपर एफआईआर दर्ज कराये। कहा कि हम इस घटना की निंदा करते है और जब तक आरोपी की गिरफ्तारी न हो जाती लेखपाल अपने कार्यो से विरत रहेंगे। दो लेखपालों को मेडिकल जांच के लिए सोनभद्र रेफर किया गया है। लेखपाल रणजीत सिंह के अलावा ज्ञानपुर तहसील में तैनात चंदौली निवासी मनीष कुमार (जो तहसील में नकल नबीस के पद पर तैनात है) ने भी अधिवक्ता के खिलाफ जातिसूचक गाली देने व सरकारी अभिलेख फाड़ने पर एफआईआर दर्ज कराई है।