महाराष्ट्र दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के गढचिरौली में कूरखेडा के पास नक्सलियों ने महाराष्ट्र पुलिस कमांडो के वाहन को लैंड माइंस ब्लास्ट से उडा दिया। जिसमें 15 जवान वीरगति को प्राप्त हो गये। इस नक्सली हमले के पहले खुफिया विभाग ने महाराष्ट्र पुलिस को हमले का अलर्ट दे दिया था लेकिन फिर भी कही चूक हुई जिससे यह बडी घटना को अंजाम दिया गया। हमले के बाद सरकार भले ही कहे कि इस हमले में शामिल लोगों को बख्शा नही जायेगा। लेकिन जो जवान देश के लिए अपनी जान को कुर्बान कर दिये उनकी भरपाई तो नही होगी।
इस हमले में नक्सलियों ने पहले सडक पर हो रहे निर्माण कार्य स्थल पर हमला करके वहां की गाडियों व मशीनों को आग के हवाले किया। फिर बुधवार को लैंड मांइस ब्लास्ट करके घटना को अंजाम दिया। जिसमें सी-60 के 15 जवान वीरगति को प्राप्त हुए। सी-60 के जवान नक्सलियों से निपटने में दक्ष होते है लेकिन ब्लास्ट के वजह से नक्सलियों के खिलाफ कुछ करने का मौका ही न मिला।
विदित हो कि पिछले वर्ष 22 अप्रैल को सी-60 कमांडों ने ही नक्सलियों के टाप चालीस कमांडर को एक मुडभेड में मार गिराया था । उन्ही कमांडर की बरसी पर नक्सलियों ने एक हफ्ते का कार्यक्रम रखा है। जिसमें वे अपने कमांडरों के याद में मना रहे है। इन नक्सलियों की मांग है कि उनको अलग राज्य दिया जाए वे शासन व प्रशासन का विरोध तब तक करेंगे जब तक उनकी बातों को नही माना जायेगा।
दूसरी वजह यह भी हो सकती है कि आम चुनाव में नक्सलियों मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया था लेकिन फोर्स की सख्ती से उनके मंशुबे पर पानी फिर गया और महाराष्ट्र का चुनाव शान्तिपुर्वक सम्पन्न हुआ। इस वजह को भी लेकर नक्सलियों ने इतनी बडी घटना को अंजाम दिया।
वैसे कुछ भी हो भारत मजबूत राष्ट्र तब तक नही बन सकता जब तक देश के अंदर बैठे देशद्रोहियो से नही निपट लेती है। क्योकि देश के अंदर बैठकर देश को बर्बाद करने वालों को मुंहतोड जबाब देना जरूरी है। नही तो ऐसे ही लाल सलाम के नाम परदेश के जवान व आम जनता अपनी जान गवांती रहेगी। जब तक देश के अंदर बैठे नक्सलियों, गद्दारों व उनके समर्थको का मुंह नही कुचला जायेगा तब तक ये आए दिन ऐसी घटना करते रहेंगे। इस देश के काम में सभी भारतीय को एकमत होकर देश को बचाने व मजबूत करने के लिए आगे आना होगा।