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आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान 

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हमार पूर्वांचल
सभार गूगल

आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान

 

हरीश जी निश्चिन्त होकर, कर्म तुम करते रहो ।
पूर्वांचल की डगर पर, बिन डिगे बढ़ते रहो ।
अरुण से चमकोअनुज, शुभकामना ‘देवराज’ की,
झुक जायेगा ये आसमां, परवाज़ तुम करते रहो ।।

देवराज मिश्रा

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