Home साहित्य आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान साहित्य आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान By देवराज मिश्र - 08/10/2018 9:44 PM 1265 0 FacebookTwitterPinterestWhatsApp सभार गूगल आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान हरीश जी निश्चिन्त होकर, कर्म तुम करते रहो । पूर्वांचल की डगर पर, बिन डिगे बढ़ते रहो । अरुण से चमकोअनुज, शुभकामना ‘देवराज’ की, झुक जायेगा ये आसमां, परवाज़ तुम करते रहो ।। देवराज मिश्रा Share this:ShareWhatsAppLike this:Like Loading...